मरे भी वोट डालें और युवा नागरिकता साबित करें? Welcome to Bihar Elections!

बिहार में चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) पर सियासत गरमा गई है। एक ओर जहां आयोग वोटर लिस्ट की सफाई में जुटा है, वहीं राजनीतिक दल इसे “राजनीतिक डिटॉक्स या लोकतांत्रिक डिस्टर्बेंस” मान रहे हैं। चिराग पासवान ने इस पर सीधा सवाल उठाया कि “जो मरे हुए हैं, वो वोटर बने हैं, और जो जिंदा हैं, उन्हें साबित करना पड़ेगा कि वो वाकई जिंदा हैं?” “पलटी बहादुर बनाम विचारधारा”: उद्धव के MLA- BJP के Google Meet में? चिराग का कटाक्ष: ‘मृत आत्माओं’ की वोटिंग से परेशान लोकतंत्र चिराग…

Read More

“चुनाव आयोग नायक कहाँ, अब त चौकीदार लगे नायक!”

अब देखs बाबू, बिहार में लोकतंत्र के हाल त अइसन हो गइल बा कि जेकरा से निष्पक्षता के उम्मीद रहऽ, उहे अब गोदी में बैठल दिख रहल ह। तेजस्वी यादव त सीधे बोल देलन कि “ई आयोग अब संविधान के रक्षक ना, बल्कि मोदी जी के चौकीदार बन गइल ह।” आउर त आउर, जब ऊ आयोग से मुलाकात के टाइम मांगलन, त चुनाव आयोग त अइसन चुप्पी साध लेलs, जइसे एगो पति मायके से सासु के फोन आ जाए। दिल बोले No More! वैक्सीन नहीं, आलसी लाइफस्टाइल है कातिल “मतदाता…

Read More