सिंदूर कप: सेना-11 ने मारी बाज़ी, मंच पर MLC-ADCP भिड़े

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन

कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में रविवार को ‘सिंदूर कप’ क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया, जहां सेना-11 और सांसद-11 आमने-सामने थे। सेना की रणनीति मैदान पर गूंज रही थी, वहीं नेताजी की रणनीति मंच पर ‘सीट’ घेरने में लगी थी। एक तरफ जवान ‘सिक्सर’ मार रहे थे, दूसरी तरफ MLC साहब VIP सीट मिस कर ‘फिक्सर’ मोड में आ गए।

तेलंगाना BJP को मिला नया कप्तान! एन. रामचंद्र राव की एंट्री पक्की!

VIP सीट का महामुक़ाबला: नेता बोले “ये मेरी सीट है”, अफसर बोलीं “थोड़ा नीचे बैठिए”

मैच की सबसे तीखी टक्कर ना बॉलिंग एंड पर हुई, ना ही बैटिंग पिच पर। असली महा-मुक़ाबला हुआ मंच पर, जब उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक और ADCP अंजलि विश्वकर्मा आमने-सामने आ गए। पाठक जी मंच पर अपने लिए मनपसंद सीट न मिलने पर कुछ ज्यादा ही देशभक्त हो गए, बोले – “ये मेरी गरिमा का अपमान है।”
ADCP ने भी वही किया जो हर पुलिस अफसर करती है – नियमों की बात। नतीजा? मंच पर क्रिकेट कम, शब्दों की बाउंसर ज़्यादा।

“सीट का सम्मान नहीं, तो सम्मान की सीट भी नहीं” – नेताजी का फुल टॉस बयान

जैसे ही नेताजी को सीट नहीं मिली, उन्होंने तुरंत “जनता के प्रतिनिधि का अपमान” टाइप स्क्रिप्ट एक्टिवेट कर दी। लगता है ये VIP लोग ‘विरासत में सीट’ और ‘सम्मान की सीट’ को एक ही समझते हैं। खैर, बहस बढ़ी तो बाक़ी अफसरों को आना पड़ा बीच-बचाव करने, और मैच थोड़ी देर के लिए पॉलिटिकल थ्रिलर बन गया।

सेना जीती ट्रॉफी, नेताजी जीते वायरलता

क्रिकेट मैच में सेना-11 की टीम ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए सांसद-11 को हरा दिया। जवानों की फुर्ती, अनुशासन और जज़्बे ने सबका दिल जीत लिया। दूसरी तरफ मंच पर नेताजी और अफसर मैडम के बीच बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया – यानी मैदान में सेना चमकी, लेकिन सोशल मीडिया पर MLC साहब ट्रेंड कर गए।

जनता ने लगाए नारे, “भारत माता की जय”… मंच ने कहा, “थोड़ा शांति रखिए”

मैच के दौरान दर्शकों ने देशभक्ति के नारे लगाए, लेकिन मंच पर माइक पकड़कर नेताजी ने ‘विपक्ष की तरह’ अपनी आवाज़ बुलंद की। दर्शकों को लगा कि कोई नई पिच पर पुरानी राजनीति खेलने उतर गया हो। आयोजकों को डर था कि कहीं बहस मैच से लंबी न हो जाए!

सेना बनाम नेता: अनुशासन बनाम अधिकार भावना

इस आयोजन का मूल उद्देश्य देशभक्ति और सामाजिक समरसता का संदेश देना था – जो सेना-11 ने बखूबी निभाया। जवानों ने मैच के ज़रिए वो सिखाया जो VIP लोग भाषणों में भी नहीं कह पाते। वहीं नेता जी और अफसर मैडम ने एक बार फिर दिखा दिया कि पावर और पब्लिसिटी की चाहत, कहीं भी – यहां तक कि स्टेडियम के मंच पर भी – अपना रंग दिखा देती है।

आयोजकों की सफाई

आयोजकों ने कहा कि मैच सफल रहा, और भविष्य में मंच पर ऐसी स्थिति से निपटने के लिए “सीट मैपिंग” सख्ती से लागू की जाएगी। साथ ही सुझाव आया है कि अगली बार मंच पर एक क्रिकेट अंपायर भी बैठा दिया जाए, ताकि VIP बहसों को “No Ball” या “Out of Line” कहकर तुरंत कंट्रोल किया जा सके।

सेना ने जीता मैदान, नेताजी ने जीता माइक – और जनता ने जीता कंटेंट!

बॉर्डर बंद है, भरोसा लाइन से बाहर है! पाक-अफगान रिश्ते फिर ज़हरीले

Related posts