
मानसून भले मौसम में आता हो, लेकिन राजनीति में ये सत्र गरमी से भी ज्यादा तपन लेकर आता है। संसद का मानसून सत्र 2025 आज से शुरू हो रहा है, और विपक्ष ने साफ कर दिया है—“नो बिजनेस ऐज़ यूज़ुअल!”
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने संसद की घंटी बजने से पहले ही मीडिया को चाय नहीं, बल्कि तीखे बयानों की गर्म चुस्की दी। उनका कहना है, “आज पीएम को सदन में आना चाहिए। पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और संघर्षविराम जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।”
विपक्ष: “PM आएं, माइक हम संभाल लेंगे!”
विपक्ष की मांगें साफ हैं:
-
प्रधानमंत्री स्वयं सदन में मौजूद रहें
-
पहलगाम आतंकी हमला
-
ऑपरेशन सिंदूर का रहस्य
-
संघर्षविराम पर नीति स्पष्ट की जाए
इस बयान के साथ कांग्रेस ने एक तरह से संसद की सुबह को प्रेस कॉन्फ्रेंस की शाम बना दिया।
सरकार की पलटवार पिच: “विषय हम तय करेंगे, टाइमिंग आप भूल जाइए”
बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने विपक्ष की बातों पर सियासी स्वीप शॉट मारा। उन्होंने कहा, “विपक्ष जिस पर चर्चा चाहता है, सरकार तैयार है… लेकिन किसे कब बोलना है, ये सरकार तय करेगी। संसद कोई रियलिटी शो नहीं कि माइक उठाओ और बोल पड़ो।”
सियासी थीम: “डिबेट का सीज़न 5 – कंट्रोवर्सी बनेगी क्वीन?”
हर सत्र की तरह ये भी उसी स्क्रिप्ट पर चल रहा है:
-
विपक्ष बोले, सरकार चुप रहे
-
सरकार बोले, विपक्ष वॉकआउट करे
-
जनता बोले, “Netflix खोलो, ये तो रिपीट टेलीकास्ट है!”
निष्कर्ष: संसद में सस्पेंस है, मसाला है, मगर हल निकलना अभी बाकी है
जहां विपक्ष देशहित में चर्चा की मांग कर रहा है, वहीं सरकार संसदीय प्रक्रिया की बात कर रही है। देखना ये होगा कि चर्चा होगी या सिर्फ “डिबेट ओवर डिबेट” का शोर सुनाई देगा।
विधायक और गायिका अनमोल ‘गगन’ छूने आई थीं, राजनीति से गुमनामी ले गईं!