पाकिस्तान ने मानी भारत की एयरस्ट्राइक में विमान को नुकसान, भारतीय पायलट की हिरासत से किया इनकार

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को सैन्य संघर्ष विराम की सहमति बनने के बाद, रविवार की देर रात पाकिस्तानी सेना ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इस दौरान उन्होंने भारत की कार्रवाई में अपने एक सैन्य विमान को नुकसान पहुंचने की बात को पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया।

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 “विमान को थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचा”: पाक सेना

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा:

“भारत-पाक संघर्ष के दौरान हमारा एक विमान थोड़ा क्षतिग्रस्त हुआ है।”

हालांकि, उन्होंने विमान के प्रकार, लोकेशन या मिशन से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की। यह बयान उस समय आया है जब सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के एक JF-17 या अमेरिकी मूल के F-16 के नुकसान की अटकलें चल रही थीं।

भारतीय पायलट की हिरासत की खबर को बताया ‘फ़ेक’

जब पाक प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या कोई भारतीय पायलट उनकी हिरासत में है, तो उन्होंने साफ़ कहा:

“यह सिर्फ फेक सोशल मीडिया रिपोर्ट्स हैं। हमारी हिरासत में कोई भारतीय पायलट नहीं है।”

यह बयान भारत की ओर से लगातार यह कहने के बाद आया है कि किसी भारतीय जवान की गिरफ्तारी या शहादत की कोई पुष्टि नहीं हुई है। इससे सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को विराम मिला है।

साझा ऑपरेशन और रफ़ाल पर भारत की सफाई

इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि:

  • “ऑपरेशन सिंदूर” पूरी तरह भारतीय प्लानिंग और क्रियान्वयन का हिस्सा था। इसमें कोई तीसरा देश शामिल नहीं था।

  • रफ़ाल फाइटर जेट के इस्तेमाल की बात पर सेना ने कहा कि भारतीय वायुसेना हर परिस्थिति के लिए तैयार रहती है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में पुराने और नए दोनों प्लेटफॉर्म इस्तेमाल हुए।

कब शुरू हुई थी बातचीत?

भारतीय सेना की ओर से मिली जानकारी के अनुसार:

  • शनिवार सुबह 9 बजे पाकिस्तान के DGMO ने भारत को फोन किया था।

  • शाम 3.35 बजे दोनों देशों में संघर्षविराम पर सहमति बनी।

  • 5.33 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसका श्रेय खुद को देते हुए ट्विटर पर घोषणा कर दी।

पाक सेना की मान्यता, भारत की स्पष्टता

पाकिस्तानी सेना का यह बयान उस दबाव और हताशा को दर्शाता है, जो उन्हें भारत की निर्णायक और लक्ष्यभेदी कार्रवाई के बाद झेलना पड़ा।
वहीं भारतीय सेना की प्रतिक्रिया यह साफ़ करती है कि वह न बढ़ा-चढ़ाकर दावे करती है, न बिना पुष्टि के बयान देती है।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सीमा पार अगर आग लगी, तो धुआं छुपाए नहीं छुपेगा।

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