
पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इस घटना से भी बड़ा सवाल उठता है — घटना वाले स्थान पर सुरक्षाबलों की तैनाती क्यों नहीं थी?
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अमरनाथ यात्रा से पहले नहीं होती तैनाती
सरकारी सूत्रों ने बताया कि:
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यह इलाका हर साल अमरनाथ यात्रा के दौरान जून महीने में खोला जाता है।
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अमरनाथ यात्रा मार्ग पर यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था के तहत यह स्थान उपयोग में लाया जाता है।
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20 अप्रैल से पहले तक इस रूट पर पर्यटकों के लिए कोई अनुमति नहीं थी।
टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को नहीं दी सूचना
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि:
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स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने सरकार या प्रशासन को सूचना दिए बिना ही बैसरन घाटी में पर्यटक लाना शुरू कर दिया।
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20 अप्रैल से टूर शुरू हुए, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी।
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सुरक्षाबल केवल जून में तैनात किए जाते हैं, जब अमरनाथ यात्रा औपचारिक रूप से शुरू होती है।
प्रशासनिक लापरवाही या नियामक खामी?
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इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि:
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स्थानीय ऑपरेटर्स के लिए कोई रियल टाइम निगरानी तंत्र मौजूद नहीं है।
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प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की गंभीर कमी रही।
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पूर्व-तैयारी और इंटेलिजेंस फॉलोअप की चूक इस त्रासदी की एक बड़ी वजह मानी जा रही है।