
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन “सिंदूर” लॉन्च कर पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान की कई चौकियों को तबाह कर दिया था।
सीमा पर तनाव जरूर बढ़ा, लेकिन भारत की रणनीतिक कार्रवाई ने पाकिस्तान को करारा संदेश दिया — “अब बस बहुत हुआ।”
व्हाइट हाउस में अब भी ‘सिंदूर’ का रंग नहीं गया
भारत-पाक के बीच यह संघर्ष खत्म हुए महीनों बीत गए, मगर व्हाइट हाउस अब भी उस तनाव को “ट्रंप की डिप्लोमैटिक जीत” बताने में लगा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा करते रहे हैं कि “मेरे फोन कॉल और टैरिफ धमकी ने परमाणु युद्ध टाल दिया!”
हालांकि सच्चाई यह है कि वॉर स्टॉप हुआ भारतीय सेना और पाक अधिकारियों की डायरेक्ट बातचीत से, ना कि किसी अमेरिकी “मध्यस्थता धमकी” से।
ट्रंप का दावा: “मैंने 8 विमान गिराए”… या 7… या शायद 5?
अब मज़ेदार हिस्सा सुनिए — ट्रंप के आंकड़े हमेशा GPS खो देते हैं।
पहले बोले — “हमने 5 प्लेन गिराए!” फिर कुछ दिन बाद कहा — “Actually 7 थे…” अब उनका नया बयान आया — “हमने 8 गिराए!”
लगता है जैसे हर बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके बगल में कोई कैलकुलेटर बैठा होता है जो अचानक हैंग हो जाता है।
अमेरिकी ‘टैरिफ धमकी’ या भारतीय टार्गेट पॉलिसी?
ट्रंप का कहना है कि उनके ट्रेड टैरिफ्स और मध्यस्थता ने भारत-पाक तनाव को कम किया।
जबकि भारत ने साफ कहा —

“भाई, हमसे कोई फोन नहीं आया… और न कोई सलाह मांगी थी।”
कूटनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप का यह बयान घरेलू राजनीति में ‘ग्लोबल हीरो’ दिखने की कोशिश भर है। भारत की ओर से MEA ने शालीनता से ‘No Comment’ कहकर बात खत्म की।
असल में शांति आई भारत की सटीक कार्रवाई से
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिखा दिया कि अब जवाब भी सुनियोजित और निर्णायक होगा। ट्रंप के बयान भले ही मज़ाक बन गए हों, पर भारत ने अपने दम पर सीमा पर शांति बहाल की — बिना किसी विदेशी ‘मध्यस्थता शो’ के।
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