बायकॉट नेतन्याहू – भाषण सुनने रह गए खाली कुर्सियाँ और अमेरिका

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली (UNGA) में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की स्पीच ने जितनी चर्चा नहीं बटोरी, उससे ज्यादा चर्चा कर दी उन खाली कुर्सियों ने, जो भाषण से पहले ही वहां से ‘इस्तीफा’ दे चुकी थीं।

जैसे ही नेतन्याहू ने मंच पर कदम रखा, कई देशों के प्रतिनिधि ऐसे उठे जैसे Zoom मीटिंग में ‘Leave Meeting’ बटन दबाया हो। हॉल का आधा हिस्सा खाली, बचा हुआ आधा अमेरिका और नेतन्याहू की उम्मीदें थीं।

गाजा को चेतावनी, बाकी दुनिया को नाराज़गी – नेतन्याहू की ‘डुअल स्पीच’ रणनीति

नेतन्याहू ने स्पीच में फिर दोहराया कि गाजा से हमास का नामोनिशान मिटाना जरूरी है। मतलब – “आतंक के खिलाफ सफाई अभियान, लेकिन हाई-प्रेशर से।” लेकिन सवाल ये है कि क्या गाजा की जनता की ‘वॉशिंग मशीन’ बनने जा रही है?
नेतन्याहू की बातों से तो यही लगा – “Clean Gaza, Green Gaza, Minus Hamas” नामक कैंपेन जल्द शुरू होने वाला है।

नक्शा, QR कोड और MCQ – नेतन्याहू UNGA को बना बैठे क्लासरूम

अब नेतन्याहू कोई आम स्पीकर तो हैं नहीं, वो आए थे PowerPoint-less Presentation देने। उन्होंने एक बड़ा नक्शा दिखाया – जिसमें “हमास हटाओ, शांति लाओ” टाइप गोल-गोल घेरे थे। जैकेट पर QR कोड चिपका रखा था – शायद ये “स्कैन करें और इजरायली नजरिया डाउनलोड करें” के लिए था। बोर्ड पर MCQ टाइप सवाल – UNGA को क्विज दे डाली!

कुछ देशों ने सोचा – “ये स्पीच है या UPSC का Prelims?” और चुपचाप निकल लिए।

गाजा में स्पीकर लगाए, नेतन्याहू बोले: “हमास सुने या सहे – दोनों में घाटा उसी का है”

स्पीच के सबसे ‘डायरेक्ट’ हिस्से में नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने गाजा में लाउडस्पीकर लगवा दिए हैं, ताकि उनकी UN स्पीच सीधे वहां के लोगों और हमास नेताओं तक पहुंचे। मतलब “हम आए थे UNGA में भाषण देने, पर असल में गाजा को सुनाना था।”

अब अगली बार शायद नेतन्याहू Spotify Podcast शुरू कर दें – “Episode 1: Dear Hamas, Drop Your Guns or Drop Dead!”

दुनिया में अलग-थलग, लेकिन नेतन्याहू बोले: “सब बेवफा हैं, बस ट्रंप मेरा सच्चा यार है”

नेतन्याहू ने अपनी स्पीच में अमेरिका और ट्रंप की खूब तारीफ की। उन्होंने इशारों-इशारों में ट्रंप को “सच्चा सहयोगी” बताया और ईरान को ठग करार दिया।
बाकी दुनिया?

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, आदि ने फिलीस्तीन को मान्यता दे दी और इजरायल की आलोचना की। नेतन्याहू बोले – “ये सब हमास को इनाम दे रहे हैं।”

नेतन्याहू की गाजा नीति: रणनीति या जिद?

गाजा को लेकर नेतन्याहू की जिद अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में ‘Unfriend Mode’ एक्टिव कर चुकी है। यूएन में अकेले भाषण देना, QR कोड से मन की बात सुनाना और MCQ पूछना – सब कुछ दिखाता है कि इजरायल अब सियासी मंच पर ‘Solo Battle’ लड़ रहा है।

नेतन्याहू की ये स्पीच एक सियासी संदेश थी – “हमास हटे या दुनिया हटे, पर गाजा नहीं बचेगा।”
लेकिन जो दृश्य सामने आया – वो ये था:
“दुनिया हट चुकी है… नेतन्याहू अकेले स्टेज पर हैं।”

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