आतंक के आंगन में मातम : मसूद अजहर की बहन, पति, भांजे और उसकी पत्नी की मौत

Ajay Gupta
Ajay Gupta

भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों के दिल में खौफ और बहावलपुर की गलियों में मातम भर दिया।
परिवारवाद की राजनीति भले नेताओं तक सीमित रही हो, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को अब परिवारवाद के नुकसान का एहसास हो गया होगा — और वह भी एक ही झटके में।

भारत ने उजागर किया पाकिस्तान का झूठ — साजिद मीर जिंदा है

मसूद अजहर का ‘परिवार’ अब केवल नाम का रह गया

बहावलपुर में जैश के अड्डों पर भारत के सर्जिकल हमले में अजहर की बड़ी बहन, बहनोई, भांजा-भांजी, भतीजे, और 5 बच्चे मारे गए। कुल मिलाकर मसूद अजहर ने जो संगठन “मजहब” के नाम पर खड़ा किया था, वह अब अपने ही परिवार की कब्रगाह बन गया

और तो और, अजहर का कहना है:

“मेरा सब कुछ लुट गया…”
(देश लुटाने की आदत थी, अब परिवार लुटा तो रोना आ गया)

आतंकी ढांचे को जबरदस्त झटका

कारी इकबाल (कोटली आतंकी कैंप कमांडर): ढेर

याकूब मुगल (बिलाल कैंप प्रमुख): खत्म

10 अन्य प्रशिक्षित आतंकी: सीधे जन्नत एक्सप्रेस पर रवाना

भारत ने न केवल रणनीतिक रूप से वार किया, बल्कि आतंकी ब्रांड “जैश” को इमोशनल और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्तर पर तोड़ डाला

मसूद अजहर की रोती हुई प्रतिक्रिया: ताज्जुब नहीं तस्लीम होनी चाहिए

मसूद अजहर का बयान:

“मेरे करीबी, मेरे खून के रिश्ते… सब चले गए।”

किंतु कभी ये नहीं कहा कि

“मैंने उन्हें आतंक के रास्ते क्यों भेजा?”
“क्यों मेरी बहन और उसके बच्चे बम के गोदाम में सोए?”

जैश ए मोहम्मद का गिरता ग्राफ और पाक का टूटा आत्मविश्वास

जहां भारत ऑपरेशन सिंदूर को “डिफेंसिव से डिटरेंट स्ट्राइक” में बदल रहा है, वहीं पाकिस्तान अब भी UN और OIC को चिट्ठियां लिखकर रोने में व्यस्त है।

FATF की ग्रे लिस्ट से निकले थे, अब शायद वापस जाने की तैयारी है।

भारत का संदेश साफ है — अब शब्द नहीं, सीधे वार होगा

ऑपरेशन सिंदूर ने केवल आतंकी ठिकानों को नहीं उड़ाया, बल्कि मसूद अजहर जैसे “पैरेंटल टेररिस्ट्स” की विरासत को भी राख में बदल दिया।

जहां पाकिस्तान के चैनल मसूद के आँसू गिन रहे हैं, वहीं भारत के लोग पूछ रहे हैं: अब्बू ने बच्चों को स्कूल क्यों नहीं भेजा, आतंकी कैंप क्यों?

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान बोला ये तो चीटिंग है मॉक ड्रिल दिखाकर हमला किया

Related posts