लेखक : कैलाश नाथ (विदेश मामलों के जानकार हैं।)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते सऊदी अरब के दौरे पर जा रहे हैं, और यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक पहलू नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत का एक और ठोस उदाहरण होगी!
अब, सऊदी अरब में भारत की उपस्थिति का मतलब सिर्फ व्यापार और निवेश नहीं, बल्कि सामरिक साझेदारी और भविष्य की दिशा पर काबू पाना होगा।
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“मोदी की सऊदी यात्रा: भारत का नेतृत्व, और सऊदी अरब में निवेश की सुनामी!”
अब पीएम मोदी का सऊदी अरब दौरा एक “रिप्ले” होगा, जिसमें हर कदम भारत की वैश्विक शक्ति को उभारने के लिए एक नया इंच बढ़ाया जाएगा।
सऊदी अरब में हो रही इस यात्रा में, ये साबित हो जाएगा कि भारत अब केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली शक्ति बन चुका है, जो अब हर गली और हर समुद्र में अर्थव्यवस्था और सुरक्षा की बातें करेगा।
भारत और सऊदी अरब के रिश्ते अब सिर्फ व्यापार तक नहीं सीमित, बल्कि यह एक स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप बन चुका है, जो भविष्य में डिफेंस, सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के बड़े खेल को अंजाम देगा।
“सऊदी अरब में मोदी का निवेश और सुरक्षा, अब राजनीति से आगे की राह!”
PM मोदी ने सऊदी अरब में भारत की बढ़ती ताकत का ऐसा शाही प्रदर्शन किया है, कि अब सऊदी अरब में रक्षा, व्यापार, निवेश के साथ-साथ भारत की सख्त कूटनीति भी डाली जाएगी।
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अब ना सिर्फ भारत की इकोनॉमिक गैलरी चमकेगी, बल्कि भारत के इस वैश्विक तंत्र में सऊदी अरब जैसे सहयोगी देश को अपने उद्योग, निवेश और टेक्नोलॉजी का हिस्सा बनाना एक बड़ा कदम साबित होगा।
“भारत की बढ़ती ताकत: अब चीन और अमेरिका को हो सकता है सिरदर्द!”
2016 और 2019 के दौरे के बाद, पीएम मोदी का यह तीसरा सऊदी अरब दौरा भारत को सऊदी अरब जैसे बड़े रणनीतिक साझीदार के साथ नया समृद्ध भविष्य दिखा रहा है। अब न केवल व्यापार में सहयोग बढ़ेगा, बल्कि राजनीतिक और सुरक्षा मामलों में भी भारत का दबदबा मजबूत होगा।
भारत-सऊदी अरब की साझेदारी अब न केवल पॉलिटिकल पावर होगी, बल्कि व्यापारिक ताकत भी बनने वाली है।