KGMU में फिर चला बुलडोजर! 150 झुग्गियां जमींदोज

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

लखनऊ के प्रतिष्ठित King George’s Medical University (KGMU) परिसर में सोमवार सुबह एक बार फिर बुलडोजर की गड़गड़ाहट सुनाई दी। KGMU प्रशासन ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लगभग 1.5 एकड़ सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवा दिया। यह जमीन पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन थी, जिसे कुछ महीने पहले कैबिनेट की मंजूरी के बाद KGMU को सौंपा गया था।

150 झुग्गियां ध्वस्त, लोगों का दर्द छलका

इस जमीन पर वर्षों से लगभग 150 झुग्गियां बनी थीं, जिनमें गरीब और मजदूर परिवार रह रहे थे। कई लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि उनके पास रहने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।

एक महिला ने रोते हुए कहा, “बच्चे लेकर कहां जाएं? हम मजदूर लोग हैं, रोज की कमाई से पेट पालते हैं।”

हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कई बार नोटिस देने के बावजूद जमीन खाली नहीं की गई, इसलिए यह कार्रवाई ज़रूरी थी।

योगी सरकार का क्लियर ऑर्डर: अवैध कब्जा नहीं चलेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही एलान किया था कि यह जमीन KGMU को दी जाएगी ताकि वहां पर मेडिकल यूनिवर्सिटी का विस्तार हो सके। नए प्लान में:

  • स्टाफ क्वार्टर

  • मल्टी-लेवल पार्किंग

  • मरीज सुविधा केंद्र

  • कैंटीन और ओपीडी वेटिंग हॉल जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

यह कार्रवाई ठीक उसी तर्ज पर हुई जैसी बीते महीनों में “अवैध निर्माण मुक्त यूपी” अभियान में देखी गई हैं।

भारी सुरक्षा और तनाव के बीच हुई कार्रवाई

सुबह 8 बजे जैसे ही पुलिस और PAC की टुकड़ियां पहुंचीं, अफरा-तफरी मच गई

कुछ लोग विरोध पर उतर आए। कुछ लोग रोते-बिलखते सामान समेटने लगे। मौके पर करीब 100 झोपड़ियां और अस्थायी ढांचे गिराए गए।

प्रशासन ने अस्थायी रूप से लोगों को सामान निकालने का समय भी दिया, ताकि मानवीय पहलू भी नजरअंदाज न हो।

6 महीने में दूसरी बड़ी कार्रवाई, अप्रैल में मजार विवाद हुआ था गरम

यह कोई पहली बार नहीं है जब KGMU में इस तरह की बड़ी कार्रवाई हुई हो।

27 अप्रैल 2025 को भी एक मजार और कुछ दुकानों को हटाने को लेकर तीन दिन तक विवाद चला था। डॉक्टरों पर हमला हुआ था, जिसमें 2 प्रोफेसर और 1 रेजिडेंट डॉक्टर घायल हुए थे। एक मदरसा तक हटाया गया था।

प्रशासन का कहना है कि अब कोई भी अतिक्रमण “Zero Tolerance Policy” के तहत बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अब क्या बनेगा इस जमीन पर?

KGMU की ओर से जारी प्लान के मुताबिक:

  • पार्किंग ज़ोन ताकि मरीजों को वाहन खड़े करने में राहत मिले

  • स्टाफ रेजिडेंशियल क्वार्टर, जिससे कर्मियों को बेहतर आवास मिलेगा

  • मरीज सुविधा केंद्र, जहां अटेंडेंट्स और विज़िटर्स को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी

यानी ये ज़मीन अब जनहित और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के काम आएगी।

KGMU में चली यह बुलडोजर कार्रवाई केवल जमीन से अवैध कब्जा हटाने की नहीं, बल्कि यह सरकार के उस संदेश की भी पुष्टि है —

“जनहित और विकास में कोई रुकावट नहीं चलेगी, चाहे वो झुग्गी हो या हवेली।”

जहां एक ओर प्रशासन की सख्ती दिखती है, वहीं दूसरी ओर पुनर्वास की जरूरत और मानवीय पहलुओं पर भी गंभीर सोच की दरकार है।

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