केदारनाथ-यमुनोत्री कपाट बंद, बाबा की डोली अब ऊखीमठ की सैर पर!

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

उत्तराखंड के पवित्र धामों के कपाट भाई दूज के दिन बंद कर दिए गए, जो यहां की धार्मिक यात्रा में एक खास महत्व रखता है। केदारनाथ धाम के कपाट दिवाली के बाद गुरुवार को, जबकि यमुनोत्री के कपाट भी उसी दिन दोपहर 12:30 बजे बंद हुए। इस दौरान बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ की ओर रवाना हुई।

केदारनाथ धाम के कपाट बंद: उमेश पोस्ती ने किया विधिवत पूजा

तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने बताया कि कपाट बंद करने से पहले भगवान के समाधि की पूजा की गई। सुबह 8:30 बजे केदारनाथ की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। आज स्नान का विधि भस्म से संपन्न हुआ, जो परंपरागत स्नान जल, दूध, घी से अलग था। हजारों श्रद्धालुओं ने ‘हर हर महादेव’ और ‘जय बाबा केदार’ के जयघोष लगाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

यमुनोत्री धाम के कपाट बंद: फूलों से सजी मंदिर की शोभा

यमुनोत्री धाम के कपाट भाई दूज के दिन 12:30 बजे बंद किए गए। सुबह 8:30 बजे शनिदेव महाराज की डोली खरसाली गांव से यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। इसके बाद मां यमुना की भोग मूर्ति खरसाली के यमुना मंदिर में छह माह तक विराजमान रहेगी। मंदिर समिति ने लगभग 11 कुंतल फूलों से मंदिर को भव्य रूप से सजाया।

बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली की यात्रा: ऊखीमठ की ओर बढ़ा पावन कदम

बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली मंदिर से निकाल कर पूरे केदारनाथ परिसर की परिक्रमा कराई गई। पहला रात्रि प्रवास रामपुर में होगा, फिर डोली गुप्तकाशी होते हुए 25 तारीख को ऊखीमठ पहुंचेगी। बाबा की पूजा अगले छह महीने तक शीतकालीन गद्दीस्थल पर की जाएगी।

श्रद्धालुओं की श्रद्धा और भक्तिपूर्ण माहौल

छह महीने की सेवा और यात्रा के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर के कपाट बंद करने के मौके पर जोरदार जयघोष किए। हर कोई बाबा केदारनाथ और मां यमुना की भक्ति में मग्न था। केदारनाथ में इस साल करीब 18 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, और अब शीतकाल के आगमन के साथ बर्फबारी शुरू हो गई है।

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