
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक़ डार ने इस्लामिक देशों के संगठन OIC (ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन) की बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर पर एक बार फिर विवादित बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद “2800 से ज़्यादा कश्मीरियों को हिरासत में लिया गया या पूछताछ के लिए बुलाया गया।” डार ने कहा कि “कश्मीरी संघर्ष” के प्रति बढ़ती चुनौतियों को लेकर OIC को “ठोस कार्रवाई” करनी चाहिए।
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भारत का तीखा जवाब
भारत ने पाकिस्तान की इस टिप्पणी को “अनुचित और तथ्यात्मक रूप से ग़लत” बताते हुए सख्ती से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “OIC के पास भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है, जिनमें जम्मू और कश्मीर शामिल हैं।”
भारत ने कहा कि पाकिस्तान ओआईसी के मंच का “दुरुपयोग” कर रहा है और संगठन को यह सोचना चाहिए कि वह अपने एजेंडे को पाकिस्तान के प्रचार से प्रभावित क्यों होने दे रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सफाई
पाकिस्तान ने भारत की सैन्य कार्रवाई को “बिना उकसावे की आक्रामकता” बताया, जिस पर भारत ने दो टूक जवाब दिया, भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक वैध और सटीक जवाबी कार्रवाई थी, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई।”
इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद भारत ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया।
पाकिस्तान की सियासत, OIC की चुप्पी
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर उसके आंतरिक मामले का हिस्सा है और किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, भारत ने OIC को भी चेताया कि वह पाकिस्तान की राजनीतिक चालों का मोहरा न बने।
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