
चार दिन तक चले फुल-फ्लेज्ड हमलों और ड्रोन अटैकों के बाद पाकिस्तान की तरफ से आए अचानक सीज़फायर के प्रस्ताव पर गुरुग्राम की जनता ने सधी और सीधी प्रतिक्रिया दी है। यहां के लोग मानते हैं कि ये शांति नहीं, भारत की ताकत का असर है। और हरियाणा में लोग सीधी बात करने में यकीन रखते हैं—“कुत्ते की दुम को सीधा करने का एक ही तरीका है – डंडा!”
बागी बलिया बोलेला – पाकिस्तान के भरोसा कइसे? भारत तैयार रहे के चाहीं!
गुरुग्राम बोले – “सौ बात की एक बात – भरोसा तो छोड़ो ही”
नासिर खान :
“हम मुसलमान जरूर हैं, पर सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं। पाकिस्तान के दोगले चाल पर हम ना भरोसा करते, और सरकार की रणनीति सराहते हैं।”
राजबीर ढिल्लों :
“भाई, पाकिस्तान तै डर गया सै। भारत के ब्रह्मोस का नाम सुनके ही इनकी फटती है। अमन-वमन की बातें टीवी पे ठीक लगती हैं, ग्राउंड पे तो सिर्फ ताकत चलती है।”
समीना फातिमा :
“भारत को मजबूत रहना चाहिए। शांति चाहने का दावा तब सही लगता जब पाकिस्तान अपने आतंकी कैम्प बंद करता।”
वीरेंद्र सांगवान :
“अबकी बार सरकार ने ढंग की चाल चली। पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी। पहले बहुत नरमी दिखा दी, अब ठोकना भी जरूरी था।”
रईस अहमद :
“हमें सीज़फायर से फर्क नहीं, हमें भरोसा है इंडियन आर्मी पे। पाकिस्तान की बातों में आने की जरूरत नहीं।”
गुरुग्राम वालों की चेतावनी – “अबकी बार दुश्मन ने आँख दिखाई, तो जवाब में सिर्फ शांति नहीं मिलेगी”
गुरुग्राम में युवाओं और बुज़ुर्गों दोनों की राय यही रही कि सीज़फायर पाकिस्तान की कमजोरी का नतीजा है, भारत की रणनीति की जीत। शहर के लोग मानते हैं कि भारत को इस मौके का फायदा उठाकर रणनीतिक बढ़त बनाए रखनी चाहिए।
गुरुग्राम वालों की जुबान में—
“भाई, अमन-वमन सब ठीक है, पर जब सामने वाला गद्दारी करे तो प्यार की नहीं, हथौड़े की ज़रूरत पड़ती है।”
सीज़फायर पर बहराइच की जनता की राय: पाकिस्तान से नहीं, भारत की तैयारी से है भरोसा