
यूपी के गोरखपुर में शनिवार सुबह-सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम ने दो ठिकानों पर छापा मारा। मामला जुड़ा है मनी लॉन्ड्रिंग से, और कड़ी में नाम आया है थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में रहने वाले पन्नेलाल यादव का।
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सुबह 4 बजे हुई छापेमारी, गांव वालों की नींद उड़ी
लखनऊ से आई चार सदस्यीय टीम ने तड़के करीब 4 बजे छापेमारी की शुरुआत की:
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पहला ठिकाना: खजनी क्षेत्र के रावतदाढ़ी गांव
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दूसरा ठिकाना: रामगढ़ताल थानाक्षेत्र का आज़ाद नगर पूर्वी मोहल्ला
जहां पन्नेलाल यादव का पारिवारिक घर मौजूद है। मोहल्ले वालों ने बताया कि इतने सवेरे इतने पुलिसवाले देखकर लगा जैसे कोई वेब सीरीज़ लाइव चल रही हो!
लैपटॉप, दस्तावेज और बैंक अकाउंट – सब पर नजर
NIA टीम ने:
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घर से लैपटॉप और दस्तावेजों को कब्जे में लिया
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बैंकॉक से जुड़े संदिग्ध खातों की जांच शुरू की
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परिवार के सदस्यों से पूछताछ की, जिसमें पन्नेलाल के चाचा मुन्नीलाल यादव और उनके बच्चे शामिल रहे
पन्नेलाल की पत्नी पुष्पा फिलहाल अपने मायके में हैं, जबकि बेटे अमन, बेटियां शिवानी और शिवाली तारामंडल आवास पर मौजूद थे।
भतीजे का आरोप: “मारपीट और बदसलूकी हुई”
जहां एक तरफ NIA अपनी कार्रवाई को “कानूनी प्रक्रिया” कह रही है, वहीं पन्नेलाल के भतीजे ने टीम पर मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाया है। हालाँकि, इस पर अभी तक NIA की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
बैंकॉक से भारत तक – फाइनेंशियल ट्रेल पर नजर
सूत्रों के अनुसार, पन्नेलाल यादव के विदेशी खातों से भारत में संदिग्ध और गैरकानूनी ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलने के बाद ये कार्रवाई की गई। अब एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन फंड्स का इस्तेमाल किस उद्देश्य से किया गया — कहीं ये नेटवर्क हवाला या आतंकी फंडिंग से तो नहीं जुड़ा?
जांच जारी, और भी खुलासे संभव
गोरखपुर की शांत गलियों में आज NIA की दस्तक ने हलचल मचा दी है। मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इसकी गहराई अभी और नीचे जाती दिख रही है।
अब देखना ये होगा कि पन्नेलाल यादव की कहानी ‘विदेश से कमाई’ तक सीमित रहती है या उसमें साज़िश और सिस्टम का घालमेल भी शामिल होता है।
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