
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के भाई और यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए गौतमपल्ली थाने में केस दर्ज कराया है।
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FIR में रियल एस्टेट कारोबारी कृष्णानंद पांडेय, उनकी पत्नी वंदना पांडेय और पिता अशोक पांडेय के खिलाफ रंगदारी, धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं।
सालों पुरानी दोस्ती निकली साज़िश?
2011-12 में शुरू हुआ मेलजोल, 2015 में मिलकर कंपनी बनाई। प्रतीक को प्रमोटर, कृष्णानंद को निदेशक बनाया गया। बिज़नेस के नाम पर लाखों रुपये प्रतीक ने निवेश किए। अब आरोप है कि इन सबका मकसद सिर्फ़ प्रतीक को फंसाना था।
कोविड, मौत और मानसिक तनाव – और फिर चालबाज़ी
2020 में प्रतीक यादव कोविड की चपेट में आए, फिर एक के बाद एक माँ, पिता और मामा का निधन हुआ। इलाज चला मेदांता में और इसी दौरान कथित ‘मित्र’ कृष्णानंद ने इमोशनल ड्रामा के साथ लाखों ऐंठ लिए।
जब होश आया, तो सब खेल समझ में आया!
जैसे ही प्रतीक ने पैसे लौटाने को कहा, कहानी में एंट्री हुई – “या तो 4 करोड़ दो… वरना पॉक्सो में फंसा देंगे!”
धमकी ईमेल-व्हाट्सऐप पर
फर्जी ऑडियो क्लिप वायरल करने की धमकी
परिवार की छवि बिगाड़ने की कोशिश
केस करने पर भी धमकियां जारी
“एक नंबर का फ्रॉड निकला!” – प्रतीक यादव की शिकायत
प्रतीक का कहना है:
“कृष्णानंद मेरे करीब आया सिर्फ इसीलिए ताकि मेरे संपर्कों और नाम का फायदा उठाकर मुझे लूट सके।”
पुलिस का एक्शन मोड ऑन
इंस्पेक्टर पंकज कुमार (गौतमपल्ली) ने कहा:
“केस दर्ज हो गया है। जांच तेज़ी से हो रही है। जल्द पूछताछ की जाएगी।”
निपाह लौट आया, 1998 की पिग पार्टी से लेकर भारत की क्लीन-अप ट्रायल तक