
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ़ के चंद मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, और सिर्फ एक ब्रिटिश नागरिक ज़िंदा बचा है — वह भी गंभीर अवस्था में।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में थे वे, जिनकी ज़िंदगियाँ अब सिर्फ यादें हैं
इस विमान में भारत के कोने-कोने से लोग थे — कोई अपनों से मिलने जा रहा था, कोई नई शुरुआत के लिए विदेश जा रहा था। लेकिन अब, उनके साथ सिर्फ उनके बोर्डिंग पास की तारीखें रह गई हैं और पीछे छूटे परिवार जिनके लिए ज़िंदगी हमेशा के लिए थम गई है।
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कैप्टन सुमित सबरवाल: रिटायरमेंट से पहले मौत से मुलाक़ात
60 साल के कैप्टन सुमित सबरवाल, इस फ्लाइट के अनुभवी पायलट थे। 8,000 घंटे से ज़्यादा उड़ान का अनुभव रखने वाले सुमित, रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे थे। उनके पिता पुष्पराज सबरवाल, 88 वर्ष के हैं और बेटे के अंतिम सफर को कभी न देख पाने के दर्द से टूट चुके हैं।
उनके एक पड़ोसी ने बताया, “वो कहते थे अब बस थोड़ा और, फिर पापा के साथ समय बिताऊँगा… लेकिन पापा अब अकेले रह गए।”
क्लाइव कुंदर: जिनके सपनों में आसमान था
सह-पायलट क्लाइव कुंदर, जिन्होंने अमेरिका में ट्रेनिंग ली थी और 1,500 घंटे की उड़ान पूरी की थी, इस दुर्घटना में नहीं बच सके। क्लाइव ने इस उड़ान से पहले ही अमेरिका में माँ-बाप को अलविदा कहा था। उन्हें क्या मालूम था कि ये अलविदा हमेशा के लिए होगा।
मैथिली पाटिल: गांव की बेटी, जो अब सिर्फ यादों में है
पनवेल की मैथिली पाटिल, जिन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों में एयर होस्टेस बनने का सपना पूरा किया था, इस हादसे में चली गईं। उनके गांव में मातम पसरा है। स्कूल की प्रिंसिपल डेज़ी पॉल ने कहा, “हमारी बेटी लौटकर फिर से मार्गदर्शन देने वाली थी, लेकिन अब वो खुद एक कहानी बन गई है।”
दीपक पाठक: जिनके फेसबुक स्टेटस ने विदाई ली
दीपक पाठक, बदलापुर से थे। फ्लाइट से ठीक पहले उन्होंने फेसबुक पर स्टेटस अपडेट किया था। किसे पता था कि यह उनका आख़िरी संदेश होगा। उनके पिता रेलवे वर्कशॉप में काम करते थे, और उन्होंने कई संघर्षों के बाद बेटे को आसमान तक पहुंचाया — लेकिन वह आसमान अब कभी उनका नहीं होगा।
रोशनी संघारे: नई शादी, नया जीवन… और अब अंत
डोंबिवली की रोशनी, जिनकी शादी हाल में हुई थी, और जो सोशल मीडिया पर प्रेरणा बनी हुई थीं — अब सिर्फ एक इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल में सिमट गई हैं: Sky Loves Her। उनका आकाश आज हमेशा के लिए ख़ामोश हो गया।
अपर्णा महादिक: जिनकी बेटी अब माँ को सिर्फ तस्वीरों में देखेगी
मुंबई की अपर्णा महादिक, सीनियर केबिन क्रू थीं। उनके पति खुद पायलट हैं। बेटी सिर्फ 9 साल की है — जिसने कल तक माँ को यूनिफॉर्म में देखा, आज एक फ्रेम में देख रही है।
इरफ़ान शेख़: जो बकरीद पर घर आए थे, अब नहीं आएँगे कभी
22 वर्षीय इरफ़ान, सबसे युवा क्रू मेंबर्स में से थे। वह हाल ही में एयर विस्तारा से एयर इंडिया में आए थे। उनके माता-पिता ने उन्हें पुणे एयरपोर्ट तक छोड़ते हुए कहा था, “अल्लाह हाफिज़ बेटा…” लेकिन अब बेटे की सलामती की कोई खबर नहीं, सिर्फ एक चीख है जो दीवारों से टकरा रही है।
इस हादसे से निकले सवाल…
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क्या सुरक्षा मानकों में चूक हुई?
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टेक्निकल फॉल्ट की चेतावनी थी?
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ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
ये सिर्फ एक विमान नहीं था — ये 241 कहानियाँ थीं, सपने थे, रिश्ते थे, और अधूरी योजनाएँ थीं। जब आसमान टूटा, तो सिर्फ एक इंसान नहीं, पूरा देश थम सा गया।