
उत्तर प्रदेश की मिट्टी में हरियाली की कहानी अब केवल कविताओं तक सीमित नहीं रहेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2025 में भी 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य तय किया है। यह लक्ष्य केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि जनसहयोग से चलने वाला हरियाली का महाअभियान होगा।
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भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट-2023 के अनुसार यूपी का वन क्षेत्र 559.19 वर्ग किमी बढ़ा है — जो इस योजना की सफलता की साक्षात गवाही है।
जुलाई में वन महोत्सव, जून में पर्यावरण दिवस पर आगाज़
1 से 7 जुलाई के बीच वन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके पहले 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर भी बड़े स्तर पर पौधरोपण होगा। पूरे अभियान के लिए जिलावार, विभागवार और ग्राम पंचायत स्तर पर कार्ययोजनाएं बनाई जा रही हैं।
हर विभाग को सौंपा गया लक्ष्य
योगी सरकार ने विभागों को स्पष्ट लक्ष्य सौंप दिए हैं:
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वन विभाग – 14 करोड़ पौधे
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ग्राम्य विकास विभाग – 12.59 करोड़
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कृषि विभाग – 2.50 करोड़
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उद्यान विभाग – 1.55 करोड़
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पंचायती राज विभाग – 1.27 करोड़
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राजस्व विभाग – 1.05 करोड़
अन्य विभाग भी अपने लक्ष्य के अनुसार अभियान में भाग लेंगे।
पौधरोपण के लिए चयनित स्थान
सरकार ने निर्देश दिया है कि हर उपयुक्त भूमि का उपयोग हो, जिससे पूरे प्रदेश में हरियाली की चादर बिछ सके:
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वन भूमि
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ग्राम पंचायत और सामुदायिक भूमि
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एक्सप्रेसवे, नहरों के किनारे
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औद्योगिक परिसर, विकास प्राधिकरण की भूमि
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शिक्षा और चिकित्सा संस्थानों की भूमि
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रेलवे और रक्षा विभाग की भूमि
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कृषकों की निजी भूमि व आम नागरिकों के परिसर
जनसहयोग बना मुख्य आधार
“35 करोड़ पौधे केवल सरकार नहीं, पूरा उत्तर प्रदेश लगाएगा।”
योगी सरकार का जोर इस बार भी जनसहभागिता पर है। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, सिविल सोसाइटी, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र, महिला एवं युवक मंगल दल, एफपीओ और व्यापार मंडल तक की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।