डॉ. के. विक्रम राव का निधन, पत्रकारिता जगत ने खोया एक स्तंभ

जीशान हैदर
जीशान हैदर

भारतीय पत्रकारिता के लिए आज का दिन बेहद शोकपूर्ण है। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. विक्रम राव का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में आज प्रातः निधन हो गया।

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वे सांस संबंधी तकलीफ से पीड़ित थे और उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि हाल में ही वो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से पत्रकारों की समस्या को लेकर मिले लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये उनकी अंतिम मुलाकात होगी।

अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर लखनऊ स्थित आवास पर

उनके सुपुत्र, पत्रकार के. विश्वदेव राव ने बताया कि

“मेरे पूज्य पिताजी, डॉ. के. विक्रम राव अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए 703, पैलेस कोर्ट अपार्टमेंट, मॉल एवेन्यू, लखनऊ में रखा गया है। अंतिम संस्कार की जानकारी बड़े भाई के मुंबई से लखनऊ पहुंचने के बाद दी जाएगी।”

संघर्षशील पत्रकारिता के अग्रदूत

डॉ. विक्रम राव पत्रकारिता के क्षेत्र में पाँच दशकों से अधिक समय तक सक्रिय रहे।

  • वे हमेशा श्रमजीवी पत्रकारों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद करते रहे।

  • उन्होंने पत्रकारिता को सिद्धांतनिष्ठता, निर्भीकता और सामाजिक प्रतिबद्धता के साथ जिया।

गौरवशाली पत्रकारिता परंपरा के ध्वजवाहक

उनका जीवन पत्रकारिता की विरासत से जुड़ा रहा।

  • उनके पिता श्री कोटमराजू रामा राव, स्वतंत्रता सेनानी, संपादक और पहले राज्यसभा सांसद (1952) रहे।

  • परिवार में अन्य सदस्य भी विभिन्न भारतीय सेवाओं, सेना और विज्ञान क्षेत्रों में प्रतिष्ठित रहे हैं।

पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

उनके निधन की खबर सुनते ही देश भर के पत्रकार, मीडिया संस्थान और सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। डॉ. राव के जाने से भारतीय पत्रकारिता ने एक मार्गदर्शक, एक योद्धा और एक विचारशील हस्ती को खो दिया है।

एक युग का अवसान

डॉ. के. विक्रम राव का निधन सिर्फ एक पत्रकार का नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। उनकी लेखनी, नेतृत्व और जुझारूपन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा।

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राव साहब का जाना मेरे लिए पारिवारिक क्षति है। मेरे पिता अमीर हैदर जब कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हुआ करते थे उस दौर से राव साहब का हमारे परिवार से लगाव रहा है।

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