बेंगलुरू । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार की तमिलनाडु में महाशिवरात्रि समारोह में भाग लेने को पार्टी (कांग्रेस) द्वारा की जा रही आलोचनाओं के वीच शिवकुमार ने कहा कि वह “जन्म से हिंदू है और मरते दम तक हिदू रहेंगे। महाशिवरात्रि समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे।शिवकुमार का यह वयान तमिलनाडु के कोयंबटूर में सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि समारोह में शिवकुमार की भागीदारी के खिलाफ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) सचिव पी वी मोहन सहित कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग द्वारा आवाज उठाने के वीच आया है।
कोयंबटूर दौरे के वारे में शिवकुमार की पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मोहन ने लिखा, “धर्मनिरपेक्ष पार्टी के अध्यक्ष होने के वावजूद एक ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण के लिए धन्यवाद देना जो देश की उम्मीद आरजी (राहुल गांधी) का मखौल उड़ाता है और जिसके आख्यान आरएसएस के अनुरूप है, पार्टी कार्यकर्ताओं को गुमराह करता है।पार्टी का विकास समझौते के वजाय दृढ विश्वास से सुनिश्चित होता है ।
मीडिया से वातचीत के दौरान जव पत्रकारों ने शिवकुमार से उनके कोयंबटूर दौरे के वारे में पूछा तो कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे कांग्रेस अध्यक्ष का नाम मल्लिकार्जुन खरगे है । मल्लिकार्जुन कौन है? वह शिव ही है। क्या उन्हें अपना नाम वदल लेना चाहिए?” कांग्रेस नेता
दिक्कतें हुई हों। मुझे खामियां निकालना पसंद नहीं है। यह वहुत संतोषजनक है।”
उन्होंने कहा, “मै एक हिंदू हूं। मैं जन्म से हिंदू हूं और मरते दम तक हिंदू रहूंगा, लेकिन मैं सभी धर्मो प्रेम करता हूं और उनका सम्मान करता हूं। शिवकुमार ने संतुष्टि की आध्यात्मिक शब्दों व्याख्या करते हुए कहा कि कुछ श्रद्धालु स्वयं पूजा करते है जबकि कुछ इसके लिए पुरोहित की सेवा लेते है। उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक का हवाला देते हुए कहा, “पुरोहित की प्रार्थना से शिव पत्थर में भी प्रकट हो सकते है। उन्होंने हिदू धर्म में अपनी आस्था जताते हुए अन्य धर्मो के प्रति भी अपना सम्मान है।
शिवकुमार ने महाकुंभ के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह अच्छी तरह से आयोजित किया गया था और वह इसमें कोई खामी नहीं निकालना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “महाकुंभ को लेकर मेरा अनुभव वहुत अच्छा रहा। जिस तरह से उन्होंने इसे आयोजित किया, मै उसकी सराहना करता हूं। यह कोई छोटा काम नहीं है।
शिवकुमार ने कहा, “जव मै जेल में था, तो मैने सिख धर्म और उसकी शुरुआत कैसे हुई, यह जाना था। मैंने जेल में रहते हुए सिख धर्म पर कक्षाएं लीं। शिवकुमार ने कहा कि वह जैन मठों, दरगाहों और चर्च में जाते हैं और वहां उन्हें धर्मगुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है । उन्होंने पूछा, ‘वहां मुझे आशीर्वाद मिलता है। क्या मुझे उनका मुंह बंद कर देना चाहिए।”
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