मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों के दृष्टिगत यातायात प्रबंधन की बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उनका उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाना है।
पार्किंग और यात्रा मार्गों पर सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि यात्रा मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ऐसी स्थानों पर की जाए जहां होटल, धर्मशाला, होमस्टे और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक की रियल टाइम निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग स्थलों की जानकारी गूगल मैप्स से उपलब्ध कराई जाएगी।
बेहतर स्लॉट मैनेजमेंट और सुरक्षा इंतजाम
धामों के दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने की योजना है। यात्रा मार्गों पर संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और पुलिस द्वारा बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए एक विशेष योजना तैयार की जाएगी। जाम की स्थिति वाले स्थानों की रियल टाइम जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की जाएगी।
रजिस्ट्रेशन और यात्रा मार्गों पर सूचना
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही यात्रा पर आएं। यात्रा के लिए 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्गों पर पुलिस सहायता डेस्क स्थापित किए जाएंगे और आवश्यक साइनेज की व्यवस्था की जाएगी।
पुलिस और प्रशासन के सुरक्षा इंतजाम
मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों पर ड्रोन कैमरों का उपयोग करने का निर्देश दिया ताकि आपदा संभावित क्षेत्रों और ऊंचाई वाले स्थानों की निगरानी की जा सके। साथ ही, पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की सघन चेकिंग की जाएगी और वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पार्किंग स्थलों और यातायात प्रबंधन की तैयारी
डीजीपी दीपम सेठ ने चारधाम यात्रा की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्गों पर 130 पार्किंग स्थलों पर कुल 43,416 छोटे और 7,855 बड़े वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, यात्रा मार्गों के 54 बॉटलनेक्स, 198 दुर्घटना संभावित स्थल और 66 लैंड स्लाइडिंग क्षेत्रों की पहचान की गई है।
समन्वय और सुझावों की महत्ता
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यात्रा मार्गों से जुड़े सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखा जाए और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया जाए। यात्रा के वैकल्पिक मार्गों को भी सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया है।
इन सभी कदमों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चारधाम यात्रा एक सुरक्षित और व्यवस्थित अनुभव हो, जिसमें श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकें।