गोरखपुर से पकड़ा गया दाऊद गैंग का ड्रग सप्लायर, फैक्ट्री का खुलासा

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की मुंबई टीम ने दाऊद इब्राहिम के करीबी सलीम डोला गैंग के सदस्य को गोरखपुर से धर दबोचा है।
वो बस्ती जिले को ठिकाना बनाकर पूर्वांचल से लेकर नेपाल तक ड्रग नेटवर्क चला रहा था। इस गिरोह का संचालन एक पूरी फैक्ट्री स्टाइल सप्लाई चेन जैसा था — और ये सब कुछ चल रहा था म्याऊं-म्याऊं ड्रग के नाम पर!

भोपाल में 92 करोड़ की मेफेड्रोन फैक्ट्री का भंडाफोड़

  • 18 अगस्त को DRI ने भोपाल के जगदीशपुर में चल रही मेफेड्रोन (MD) ड्रग फैक्ट्री का खुलासा किया।

  • 61.2 किलो मेफेड्रोन जब्त किया गया, जिसकी कीमत करीब ₹92 करोड़ है।

  • 7 लोगों की गिरफ्तारी, जिनमें से एक विदेशी नागरिक भी शामिल है।

क्या है म्याऊं-म्याऊं ड्रग (मेफेड्रोन)?

  • इसे कोड नेम “म्याऊं-म्याऊं” कहा जाता है।

  • ये एक सिंथेटिक ड्रग है जो दिखने में तो खाद जैसा है, लेकिन असर में कोकीन और हेरोइन से भी ज़्यादा खतरनाक

  • सस्ता, तीव्र और लती बना देने वाला — यानि लो बजट में हाई रिस्क नशा।

गोरखपुर से भोपाल तक कच्चा माल सप्लाई चेन

गिरफ्तार सदस्य पर आरोप है कि उसने:

  • भिवंडी (ठाणे) से भोपाल फैक्ट्री में कच्चा माल पहुंचाने का काम किया।

  • मार्च से जुलाई के बीच फैक्ट्री में 400 किलो से ज्यादा कच्चा माल भेजा गया।

  • हवाला के ज़रिए मुंबई और सूरत से फंडिंग भोपाल भेजी गई।

हवाला, हवाले से गिरफ्तारी

जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क में हवाला से करोड़ों की फंडिंग हो रही थी। इससे जुड़े एक हवाला ऑपरेटर को सूरत से गिरफ्तार किया गया है।

नेटवर्क का दायरा – महाराष्ट्र से नेपाल तक

  • महाराष्ट्र (भिवंडी) से कच्चा माल

  • भोपाल में फैक्ट्री

  • गोरखपुर-बस्ती से नेटवर्क संचालन

  • नेपाल तक ड्रग्स सप्लाई

  • विदेशी ऑपरेटर की गिरफ्तारी = अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

 “ड्रग्स का Zomato?”

इस नेटवर्क की जाँच पढ़कर एक ही बात दिमाग में आती है —

“ड्रग्स का Zomato बना रखा था भाई लोगों ने! बस्ती से बुक करो, नेपाल तक पहुंचाओ।” और ऊपर से नाम भी म्याऊं-म्याऊं? यानि ड्रग तो है, पर बच्चा-बच्चा भी बोल सकता है!

DRI की कार्रवाई से यह साफ़ है कि दाऊद गैंग के ड्रग्स नेटवर्क की जड़ें भारत के कोने-कोने में फैली हुई हैं। गोरखपुर की गिरफ्तारी ने जो कड़ियाँ खोली हैं, उनसे आगे नेपाल और विदेशों तक नेटवर्क की तह तक जाने की संभावना है। यह कोई मामूली रैकेट नहीं, बल्कि एक संगठित, हवाला-फंडेड, क्रॉस-बॉर्डर सप्लाई चेन है।

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