कांग्रेस नेता का ओछा बयान – इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे, गरमाई राजनीति

राघवेन्द्र मिश्रा
राघवेन्द्र मिश्रा

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई। यह घटना भारत के लिए न केवल सुरक्षा प्रणाली पर सवाल है, बल्कि मानवता को झकझोर देने वाला नरसंहार है। हमले के बाद इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या यह हमला धार्मिक पहचान के आधार पर किया गया, या यह एक व्यापक सुरक्षा विफलता का परिणाम है?

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विजय वडेट्टीवार का बयान:

महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस हमले को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा:

“आतंकियों के पास इतना समय नहीं होता कि वे धर्म पूछकर हत्या करें। ये सरकार की खुफिया विफलता है।” उन्होंने सवाल उठाया कि सुरक्षा चूक कहां हुई और क्यों इस इलाके में पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी।

पीड़ितों के परिजनों का दावा:

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों की पहचान की। कुछ से कलमा पढ़वाया गया और हिन्दू पहचान होने पर गोली मार दी गई। हमला करते हुए आतंकियों ने कथित रूप से कहा—“यह संदेश मोदी तक पहुंचाना।” इन बयानों ने धर्म आधारित नरसंहार की आशंका को और गहरा कर दिया है।

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नकवी की तीखी प्रतिक्रिया

बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने वडेट्टीवार पर निशाना साधते हुए कहा “कुछ लोग पाकिस्तान के छद्म साझेदार बनने की होड़ में हैं। जब पूरा देश एकजुट है, तो वे सस्ती राजनीति कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को देशहित से ऊपर राजनीति नहीं रखनी चाहिए।

पहलगाम हमले ने भारत की आतंरिक सुरक्षा, खुफिया तंत्र और राजनीतिक जवाबदेही तीनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस समय राजनीतिक दलों का फर्ज़ है कि वे बयानबाज़ी से बचें और शहीदों के परिजनों को न्याय दिलाने पर ध्यान दें। धर्म के नाम पर हत्या यदि सत्य है, तो यह आतंक का नया और भयानक चेहरा है जिसे निर्ममता से कुचलना ही एकमात्र विकल्प है।

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