“खिलाड़ी बनो, हीरो बनो!” झांसी से सीएम योगी का सुपरहिट मंत्र!

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी में आयोजित विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के 36वें क्षेत्रीय खेलकूद समारोह में शिरकत करते हुए खिलाड़ियों को आत्मनिर्भरता, अनुशासन और राष्ट्रनिर्माण का मंत्र दिया। कार्यक्रम में उन्होंने ऐलान किया कि भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर में मिनी स्टेडियम बनाया जाएगा, जिससे खेल गतिविधियों को नई उड़ान मिलेगी।

“खेल अब शौक नहीं, जीवन का माध्यम है”

सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा:

“स्वस्थ शरीर ही धर्म और राष्ट्र निर्माण का आधार है। खेल अब सिर्फ शौक नहीं, बल्कि जीवन को संवारने का सशक्त माध्यम बन चुका है।”

उन्होंने यह भी कहा कि खेलों के जरिए युवा आत्मनिर्भरता, अनुशासन और नेतृत्व की भावना को आत्मसात कर सकते हैं।

खिलाड़ियों का सम्मान और मोटिवेशन

मुख्यमंत्री ने कई खिलाड़ियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया, जिनमें शामिल थे:

  • शीलू यादव

  • आदेश सिंह

  • संध्या राजपूत

  • शहंशाह

  • बसंत कुमार गोला

गोरक्ष प्रांत ग्रामीण को अनुशासन ट्रॉफी, और काशी प्रांत नगरीय को ओवरऑल चैंपियनशिप ट्रॉफी से नवाजा गया।

विद्या भारती की ऐतिहासिक भूमिका

सीएम योगी ने 1952 में नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित विद्या भारती की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था 25000 से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा दे रही है।

विद्या भारती के छात्रों ने ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और पैरालंपिक तक में भारत का नाम रोशन किया है।

स्पोर्ट्स अवॉर्ड्स और सरकारी नौकरियों की सौगात

योगी सरकार द्वारा खिलाड़ियों को मिलने वाले इनाम और अवसर इस प्रकार हैं:

ओलंपिक इनाम राशि:

  • स्वर्ण: ₹6 करोड़

  • रजत: ₹4 करोड़

  • कांस्य: ₹2 करोड़

कॉमनवेल्थ और एशियन खेल:

  • स्वर्ण: ₹1.5–3 करोड़

  • रजत: ₹75 लाख–1.5 करोड़

  • कांस्य: ₹50 लाख–75 लाख

सरकारी नौकरी में अवसर:

  • 500 खिलाड़ियों को अब तक सीधी सरकारी नौकरी

  • आगामी भर्तियों में डिप्टी एसपी, तहसीलदार, खेल अधिकारी जैसे पद

पेंशन और प्रोत्साहन:

  • खिलाड़ियों को वृद्धावस्था में ₹4,000–₹10,000 मासिक पेंशन

  • अर्जुन, द्रोणाचार्य व अन्य पुरस्कार विजेताओं को ₹20,000 मासिक सहायता

बुंदेली राई नृत्य से सजी शाम

कार्यक्रम में बुंदेलखंड की लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। बुंदेली राई नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया और सांस्कृतिक रंग भर दिया।

खेल आत्मनिर्भरता और पहचान का प्रतीक

सीएम योगी ने गर्व से कहा कि:

“आज जब कोई कहता है कि वह यूपी से है, तो सामने वाला सम्मान की नजर से देखता है। यह नया उत्तर प्रदेश है, जो अपनी विरासत को भी सम्मान देता है और विकास की दौड़ में सबसे आगे है।”

झांसी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संदेश सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि हर युवा के लिए प्रेरणा है। खेल अब “सिर्फ खेल” नहीं रहे, वे संस्कार, साहस और स्वावलंबन की नींव बन चुके हैं।

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