शादीशुदा पुरुषों का अपनी पत्नी से बेवफाई करना एक ऐसा विषय है, जिस पर परिवार चुप, पड़ोसी उत्साहित और इंटरनेट FULL चर्चा करता है। पर असली सवाल—आख़िर पति धोखा क्यों देता है?आइए, असली कारणों को बिना फिल्टर, थोड़े सटायर और बहुत सारी समझदारी के साथ समझते हैं। Emotional Distance: दिल का WiFi पकड़ नहीं रहा जब पति को लगता है कि पत्नी उसे इमोशनली नहीं समझ रही— तो वो किसी ऐसी महिला की तरफ खिंच जाता है जहाँ उसे “You are special” वाला vibe मिले। मतलब, दिल का नेटवर्क जिधर…
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पापा बस चिल्लाते हैं, Emotion तो शायद WiFi पर चलता है
आजकल Parenting सिर्फ़ “Homework किया?” से नहीं चलती। बच्चे emoji नहीं हैं जिन्हें swipe करके ignore कर दें—उनकी feelings भी होती हैं।लेकिन भारतीय घरों में अक्सर यही होता है— माता-पिता tension में, बच्चा confusion में, और घर में emotions की WWE लाइव चल रही होती है। 1. बच्चों की फीलिंग्स को Ignore करना: Emotion का Flight Cancelled! जब बच्चा उदास हो, घबराया हो या किसी बात से परेशान हो— वो parents की तरफ comfort, understanding और थोड़ा सा प्यार expect करता है। लेकिन parents क्या देते हैं?“रो ना बंद कर”,…
Read Moreबच्चे को Champion बनाना है? तो ये 6 बातें आज ही सिखाओ
हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा “काबिल” और “खुश” दोनों बने। लेकिन सिर्फ स्कूल भेज देने से बात नहीं बनती, कुछ बातें घर पर सिखानी पड़ती हैं — वो जो जिंदगी के असली इम्तेहान में काम आएं। खुद पर भरोसा रखो — Approval की जरूरत नहीं “Beta, लोगों की सुनो पर खुद को मत भूलो।”बच्चों को सिखाएं कि असली ताकत अंदर से आती है, दूसरों की तारीफ या लाइक्स से नहीं।खुद पर भरोसा रखना मतलब — भीड़ में भी अपनी सोच पर टिके रहना। सबका सम्मान करो — क्योंकि…
Read Moreडेंगू है, तो चावल पर कंट्रोल कर लो महाराज! नहीं तो रिकवरी जाएगी छुट्टी पर…
डेंगू के बुखार के साथ-साथ एक चीज़ और बहुत तेजी से बढ़ती है — लोगों की डाइट को लेकर टेंशन। क्या खाना है? क्या नहीं खाना है? और सबसे बड़ा सवाल — “चावल खाएं या चावल देख के भी मुंह फेर लें?” चावल खाओ, लेकिन लिमिट में डेंगू में डाइट जितनी लाइट होगी, उतनी फाइट तेज़ होगी। दोपहर में थोड़ी मात्रा में चावल खा सकते हैं — वो भी ऐसे जैसे कोई पुराना प्यार हो जिससे बात करनी है लेकिन दिल टूटने का डर भी है। लेकिन रात को चावल…
Read Moreजब मन बोले “सब कुछ ठीक है” और दिमाग बोले “Alert! You’re screwed!”
कभी-कभी आपको ऐसा लगता है कि कुछ तो गड़बड़ है, लेकिन क्या? न दिल की सुनाई देती है, न दिमाग की। आप नॉर्मल दिखते हो, पर अंदर एक ऐसा तूफान चल रहा होता है जो बाहर से कोई देख नहीं पाता। वेलकम टू द क्लब – एंग्जाइटी क्लब, जहां मेंबरशिप मिलती है बिना पूछे, और आपको पता भी नहीं चलता कि आप कब इसका हिस्सा बन गए। एंग्जाइटी के लक्षण – जब दिमाग बने वर्ल्ड वार जोन अगर आप इनमें से कोई भी चीज़ें बार-बार फील कर रहे हैं, तो…
Read Moreकुट्टू vs सिंघाड़ा आटा: व्रत में कौन है हेल्थ का असली चैंपियन?
नवरात्रि आते ही WhatsApp ग्रुप्स और किचन के कोने में एक पुराना सवाल फिर से सिर उठाता है- “आज कुट्टू बनाएं या सिंघाड़ा?”सास कहती हैं: कुट्टू ताक़त देता है, बहू कहती है: सिंघाड़ा हल्का पड़ता है! और हम बीच में फंसे हैं — पेट को भी खुश रखना है और व्रत के नियमों का पालन भी करना है। कुट्टू का Attitude – गर्म मिज़ाज और हाई प्रोटीन! कुट्टू (Buckwheat) असल में अनाज नहीं बल्कि बीज है — थोड़ा चना जैसा, लेकिन गुणों में जबरदस्त! इसमें होता है- मैग्नीशियम, प्रोटीन, आयरन…
Read Moreअब हर साल वैक्सीन नहीं! अमेरिका ने कोविड टीके को दी छुट्टी – जानिए क्यों
कोरोना महामारी के बाद से पूरी दुनिया में हर साल कोविड वैक्सीन लगाना एक ‘नई नॉर्मल’ बन गई थी। लेकिन अब अमेरिका की Advisory Committee on Immunization Practices (ACIP) ने कहा है – “बस बहुत हो गया!” एसीआईपी ने सभी वयस्कों को कोविड वैक्सीन की सिफारिश बंद कर दी है। यानी अब हर किसी को हर साल टीका लगाना जरूरी नहीं है। डॉक्टर बोले – “वैक्सीन चाहिए या नहीं, खुद तय करो!” अब यह पूरी तरह से व्यक्ति और उनके डॉक्टर पर निर्भर करेगा कि उन्हें टीका लगाना है या…
Read Moreलड़के छिपाते हैं ये 3 बातें, और फिर कहते हैं “हमें भी समझो यार!”
सच बोलो, लेकिन सोच-समझकर! रिश्तों की किताब में एक चैप्टर ऐसा होता है, जो सिर्फ लड़कों के दिल में लिखा जाता है — और उस चैप्टर का टाइटल होता है: “वो बातें जो नहीं बताई जातीं!” आर्थिक स्थिति: सैलरी जितनी है, उससे थोड़ी कम बताना तो राष्ट्रीय खेल है जी हां! कई बार लड़के सोचते हैं कि अगर उन्होंने अपनी लो-सैलरी, क्रेडिट कार्ड का बकाया या महीने के आख़िरी हफ्ते में मैगी से चलने वाली ज़िंदगी का सच बता दिया, तो पार्टनर का प्यार भी इंस्टॉलमेंट में मिलेगा।पर सच्चाई ये…
Read Moreसिर्फ बड़ों का काम नहीं! बच्चों के लिए भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग है गेम-चेंजर
जब भी हम “स्ट्रेंथ ट्रेनिंग” सुनते हैं, तो आंखों के सामने भारी डंबल, बॉडीबिल्डिंग और मसल्स का सीन आ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों के लिए भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग उतनी ही जरूरी है – बस तरीका अलग होना चाहिए! यह ट्रेनिंग बच्चों के शारीरिक विकास, स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस, फिटनेस और आत्मविश्वास को बूस्ट देती है। आइए जानते हैं कैसे… ताकतवर हड्डियाँ और मसल्स = कम चोट, ज्यादा ताकत बच्चों की बॉडी अभी विकास के दौर में होती है। ऐसे में सही एक्सरसाइज़ से उनकी हड्डियाँ मज़बूत बनती…
Read More“वाई-फ़ाई बंद करो बेटा, दिमाग़ उड़ जाएगा!”
“सो जा बेटा, कब तक मोबाइल देखेगा?”“बस मम्मी, फ़िल्म का क्लाइमैक्स चल रहा है… नेट स्लो है दिन में!” इस डायलॉग से कोई भी इंडियन मिडिल-क्लास माँ रिलेट कर सकती है। बच्चे रातभर मोबाइल में, और मम्मी मन ही मन उस वाई-फ़ाई राउटर को कोसती हैं जो पूरे मोहल्ले को इंटरनेट दे रहा है — सिवाय अपने ही बच्चे को “नींद”। वाई-फ़ाई: Wireless Fidelity या Wireless Frustration? अब सुनिए एक झटका — वाई-फ़ाई का कोई “पूरा फॉर्म” नहीं है। वाई-फ़ाई एलायंस वालों ने नाम रख दिया, बस क्यूट लगता था…
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