
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की शानदार जीत के बाद सरकार गठन की तैयारियां पटना में तेज़ हो चुकी हैं। 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
गांधी मैदान इन दिनों बिल्कुल शादी वाले पंडाल जैसा तैयार किया जा रहा है— बस फर्क इतना कि यहाँ दूल्हा नीतीश कुमार हैं और बाराती पूरी NDA नेतृत्व।
NDA का ‘6 विधायक = 1 मंत्री’ फॉर्मूला—मंत्रालय बाँटने का नया गणित
सूत्रों के मुताबिक NDA में मंत्रालयों का बंटवारा लगभग फाइनल हो चुका है। जो फॉर्मूला बनाया गया है वो बड़ा दिलचस्प है— 6 विधायक = 1 मंत्री, यानी किसके पास कितने MLA हैं, उसी हिसाब से प्लेट में मंत्रालय परोसा जाएगा।
सुत्रों के अनुसार- 20 नवंबर को 20 मंत्री शपथ लेंगे उसके बाद 14 और मंत्री जोड़े जाएंगे कुल मिलाकर 34 मंत्री नीतीश कैबिनेट में शामिल होंगे। यानी सरकार भी मिड-साइज SUV की तरह—न ज्यादा बड़ी, न ज्यादा छोटी।
कोटा कैल्क्युलेशन: कौन बनेगा मंत्री?
BJP – 15 मंत्री
JDU – 14 (सीएम समेत)
LJP (आर) – 3
HAM – 1
RLM – 1
“Everyone Gets A Chair” मॉडल बिहार में एक बार फिर एक्टिव हो चुका है।
BJP के संभावित चेहरे – वही पुराने, वही भरोसेमंद
NDA में BJP ने अपने टॉप खिलाड़ियों को मैदान में उतारने का मन बना लिया है:
- सम्राट चौधरी
- रामकृपाल यादव
- नितिन नवीन
- मंगल पांडे
- हरि सहनी
- विजय सिन्हा
इनमें से आधे नाम तो इतने फिक्स हैं कि बिना आधिकारिक लिस्ट के भी बिहार वाले बोल देते— “हाँ हाँ, ये तो बन ही रहे हैं!”
JDU की टीम – नीतीश कुमार के trusted 11
जेडीयू अपने भरोसेमंद नेताओं को एक बार फिर कैबिनेट में लाने की तैयारी में है:
- विजय चौधरी
- बिजेंद्र प्रसाद यादव
- श्रवण कुमार
- अशोक चौधरी
- लेशी सिंह
- मदन सहनी
- जयंत राज
- सुनील कुमार
इनमें से आधे नाम ऐसे हैं जो नीतीश की कैबिनेट का permanent furniture माने जाते हैं।

अन्य सहयोगी दलों की एंट्री: NDA का rainbow representation
LJP (रामविलास):
- राजू तिवारी
- संजय पासवान
- राजीव रंजन सिंह (डेहरी)
HAM:
संतोष सुमन (जीतन राम मांझी के बेटे)
RLM:
स्नेहलता कुशवाहा (उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी)
Bihar politics में whole family service वाला मॉडल काफी लोकप्रिय है— “नेता नहीं आएँ → बेटे-बेटी आएँगे, बेटा-बेटी नहीं तो पत्नी आ जाएगी.”
20 नवंबर: शपथ ग्रहण नहीं, पॉलिटिकल शो ऑफ पावर!
इस बार का शपथ ग्रहण सिर्फ सरकार बनाना नहीं, बल्कि संदेश देना है— NDA वापस मजबूत है और नीतीश अभी भी कप्तान हैं। पटना में माहौल ऐसा होगा जैसे IPL ट्रॉफी का फाइनल हो।
बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार का ब्लूप्रिंट तैयार है। कौन मंत्री बनेगा, किसको कौनसी कुर्सी मिलेगी—सब लगभग तय है। और चुनाव बाद राजनीति में एक बात कभी नहीं बदलती- गठबंधन चाहे कैसा भी हो, कुर्सी तो नीतीश बाबू ही संभालेंगे।
Chirag’s Emotional Reaction on Lalu Family Rift- मच गया बवाल
