
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं, और इस बार वजह है उनकी AI जनित ‘पोप वाली तस्वीर’, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से साझा किया गया।
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AI बनी पोप की पोशाक में ट्रंप
तस्वीर में ट्रंप सफेद पोप जैसी पोशाक, गले में भारी क्रॉस और सिर पर पारंपरिक टोपी पहने गंभीर मुद्रा में दिख रहे हैं – एक उंगली ऊपर उठाए, मानो किसी धार्मिक घोषणा का संकेत दे रहे हों।
यह तस्वीर ऐसे समय आई जब कैथोलिक समुदाय पोप फ्रांसिस के निधन पर शोकमग्न है। पोप के अंतिम संस्कार के महज 12 दिन बाद यह पोस्ट सामने आई, जिससे समुदाय की भावनाएं आहत हुईं।
न्यूयॉर्क कैथोलिक कॉन्फ्रेंस का तीखा जवाब
New York State Catholic Conference ने एक्स पर कहा:
“इस तस्वीर में कुछ भी मज़ेदार नहीं है, मिस्टर प्रेसिडेंट। हमने अभी-अभी अपने प्यारे पोप को दफ़नाया है और अब एक गंभीर चुनाव प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कृपया हमारा मज़ाक न उड़ाएं।”
संस्था ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वे कैथोलिक आस्था का उपहास कर रहे हैं, और यह कार्य “शोक की घड़ी में अमानवीय मज़ाक” की श्रेणी में आता है।
पुराना रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं
यह पहली बार नहीं है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति पर कैथोलिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा हो। पिछले वर्ष जो बाइडन ने एक प्रो-अबॉर्शन रैली में ‘साइन ऑफ द क्रॉस’ बनाकर भारी विरोध झेला था।
वेटिकन की चुप्पी, लेकिन प्रक्रिया शुरू
वेटिकन प्रवक्ता ने इस तस्वीर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि वेटिकन में बुधवार से पोप के उत्तराधिकारी का चुनाव शुरू होने जा रहा है, जो पूरी दुनिया की निगाहों में होगा।
ट्रंप का मज़ाक या प्रचार?
ट्रंप ने हाल ही में मज़ाक में कहा था, “मैं पोप बनना चाहता हूं।” लेकिन अब लगता है AI ने उस मज़ाक को विज़ुअल हकीकत में बदल दिया, और अब राजनीतिक प्रचार के साथ धार्मिक भावनाएं टकरा गई हैं।
कैथोलिक समुदाय की आपत्ति केवल एक तस्वीर पर नहीं है, बल्कि उस सोच पर है जिसमें AI और पॉपुलिज्म के जरिए मज़हब का ‘मशहूर’ मज़ाक बनाया जा रहा है।