झांसी में अरविंद यादव हत्याकांड: आरोपियों को बचाने वालों का एनकाउंटर

देवेश प्रताप सिंह राठौर

जहां खेतों में हल चलता है, वहीं दिनदहाड़े 3 गोलियां चलीं — और अरविंद यादव अपनी पत्नी के सामने मार दिए गए। जिस रूट पर लोग सब्जी लेकर लौटते हैं, उस पर अरविंद ने अपनी जान गंवाई। पत्नी सुनीता ने जिन पर आरोप लगाए — उनमें सबसे ऊपर नाम था:
पूर्व प्रधान रिंकू यादव।  और अब… केस बना “पिछले मर्डर का बदला, इस मर्डर से!”

Backstory: मर्डर की मर्डर सीरीज़

2019 में मुन्ना यादव (रिंकू यादव के चाचा) की हत्या। केस में अरविंद समेत 8 आरोपी। अरविंद को 2020 में बेल मिली, और वे शांतिपूर्वक दूध बेचने लगे। 2024 में… रिवेंज रीबूट! अरविंद की दिनदहाड़े हत्या।

“दूध बेचने वाला किसान भी अब टारगेट है, क्योंकि उसका अतीत क्राइम कैटेगरी में है।”

अब आई पुलिस की एंट्री — और फिर शुरू हुआ ‘Encounterverse’

बुधवार सुबह — भोजला के पास से खबर मिली कि दो लोग, कल्लू उर्फ अशोक यादव और भंवर सिंह यादव उर्फ गोल्टू, जो हत्या के आरोपियों को छुपा रहे थे, वे डेली यूज का सामान लेने गांव आ रहे हैं।

पुलिस ने चेकिंग शुरू की। दोनों को रोका, तो उन्होंने जवाब में 4 गोलियां दागींपुलिस ने जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैरों को गोली से सम्मानित किया। 

फुटकर सामान लेने निकले थे, लेकिन ICU में पहुंच गए!

इनका आज का एजेंडा शायद ये था साबुन, टूथपेस्ट और शायद बचने का तरीका!

अब दोनों अस्पताल में एडमिट हैं। तमंचे और कारतूस भी बरामद हुए हैं — यानी “shopping list” पूरी थी!

झांसी में कानून चल पड़ा है… 

झांसी का भोजला गांव अब सिर्फ “गांव” नहीं, बल्कि UP मॉडल एनकाउंटर बनाम गॉडफादर राजनीति का जिंदा केस स्टडी है।

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