
अरुणाचल प्रदेश भारत और चीन के बीच सदी पुराना सीमा विवाद है, जिसकी जड़ें ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक तथ्यों में गहराई तक पैठी हुई हैं। यह मुद्दा सिविल सेवा परीक्षाओं में बार-बार चर्चा में रहता है, इसलिए अभ्यर्थियों के लिए इसका गहराई से समझना जरूरी है।
चीन के नाम बदलने की चाल बेकार: भारत ने सिरे से खारिज किया दावा
मैकमोहन रेखा: विवाद की आधारशिला
1914 के शिमला समझौते में ब्रिटिश भारत, तिब्बत और चीन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में मैकमोहन रेखा खींची गई जिसे भारत आज भी अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है। चीन ने इस समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया, और वह अरुणाचल को दक्षिण तिब्बत बताता है। चीन के प्रतिनिधि इस समझौते से वॉकआउट कर गए थे, और बाद में तिब्बत को भी अपना हिस्सा घोषित कर दिया।
भौगोलिक पकड़: अक्साई चीन और तवांग
1950 में तिब्बत पर कब्ज़े के बाद, चीन ने लद्दाख के पास लगभग 38,000 वर्ग किमी अक्साई चीन क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया। उसने वहाँ हाईवे 219 भी बना डाला। दूसरी तरफ, तवांग मठ बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जिसे चीन भी रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानता है।
1962 का युद्ध और भारत का रुख
चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया और अस्थायी रूप से अरुणाचल में घुसपैठ की। परंतु तवांग से पीछे हटना पड़ा, क्योंकि भारत की भौगोलिक स्थिति यहाँ प्रबल थी। युद्ध के बाद भारत ने सैन्य और प्रशासनिक रूप से इस क्षेत्र को मजबूत कर लिया।
UPSC के लिए क्यों अहम है अरुणाचल विवाद?
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भू-राजनीतिक विश्लेषण: भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी, सीमावर्ती कनेक्टिविटी, और इंडो-पैसिफिक रणनीति में अरुणाचल की भूमिका।
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संवैधानिक परिप्रेक्ष्य: राज्य पुनर्गठन, अनुच्छेद 371H, और सीमावर्ती क्षेत्रों के विशेषाधिकार।
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सुरक्षा दृष्टिकोण: चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और भारत के NE में बुनियादी ढांचे की चुनौती।
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आधुनिक इतिहास और डिप्लोमेसी: शिमला समझौता, पंचशील सिद्धांत, और भारत-चीन द्विपक्षीय वार्ताएं।
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समाचार में निरंतरता: यह विषय लगातार समाचारों में बना रहता है, जिससे यह UPSC के करंट अफेयर्स सेक्शन के लिए भी बेहद जरूरी हो जाता है।
अरुणाचल विवाद केवल सीमा का नहीं, बल्कि कूटनीति, इतिहास, धर्म और भू-राजनीति का मिश्रण है।
चीन की बार-बार की गई “नामकरण राजनीति” का उद्देश्य भारत की संप्रभुता को चुनौती देना है, परंतु इतिहास, भूगोल और अंतरराष्ट्रीय कानून तीनों भारत के पक्ष में हैं।
10 महत्वपूर्ण MCQs — जो UPSC/PCS, RO/ARO व अन्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए उपयोगी हैं:
MCQ Practice Set
Q1. मैकमोहन रेखा से संबंधित शिमला समझौता किस वर्ष हुआ था?
A. 1905
B. 1914
C. 1921
D. 1947
उत्तर: B. 1914
Q2. चीन द्वारा किस भारतीय राज्य के कुछ स्थानों के नाम बदलने का भारत ने विरोध किया है?
A. सिक्किम
B. मिज़ोरम
C. अरुणाचल प्रदेश
D. नागालैंड
उत्तर: C. अरुणाचल प्रदेश
Q3. अक्साई चीन क्षेत्र पर वर्तमान में किस देश का नियंत्रण है?
A. भारत
B. पाकिस्तान
C. चीन
D. नेपाल
उत्तर: C. चीन
Q4. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत-चीन युद्ध से संबंधित वर्ष है?
A. 1947
B. 1959
C. 1962
D. 1971
उत्तर: C. 1962
Q5. चीन द्वारा अरुणाचल को किस नाम से संबोधित किया जाता है?
A. उत्तर युन्नान
B. दक्षिण तिब्बत
C. पूर्वी सिचुआन
D. पश्चिम शिन्जियांग
उत्तर: B. दक्षिण तिब्बत
Q6. निम्न में से कौन-सा मठ अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल है?
A. हेमिस मठ
B. तवांग मठ
C. की मठ
D. नामग्याल मठ
उत्तर: B. तवांग मठ
Q7. भारत के संविधान के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश को विशेष दर्जा किस अनुच्छेद के तहत प्राप्त है?
A. अनुच्छेद 370
B. अनुच्छेद 371A
C. अनुच्छेद 371H
D. अनुच्छेद 368
उत्तर: C. अनुच्छेद 371H
Q8. चीन ने अक्साई चीन में कौन-सा हाईवे बनाया है जो शिन्जियांग को तिब्बत से जोड़ता है?
A. हाईवे 217
B. नेशनल हाईवे 219
C. चाइना हाइवे 7
D. सिल्क रोड एक्सप्रेस
उत्तर: B. नेशनल हाईवे 219
Q9. भारत-चीन सीमा विवाद में कौन-सी रेखा भारत द्वारा मान्य अंतरराष्ट्रीय सीमा है?
A. रेडक्लिफ रेखा
B. दुर्गा रेखा
C. मैकमोहन रेखा
D. डूरंड रेखा
उत्तर: C. मैकमोहन रेखा
Q10. 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद चीन किस क्षेत्र से पीछे हट गया था?
A. अक्साई चीन
B. कारगिल
C. तवांग
D. सियाचिन
उत्तर: C. तवांग
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