
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई है।
काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ मचने से कम से कम 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
मौके पर चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला — जहां भक्ति का माहौल अचानक मातम में बदल गया।
क्या हुआ हादसे के दौरान?
एकादशी के अवसर पर सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। सीढ़ियों पर चढ़ते समय अचानक धक्का-मुक्की शुरू हुई और कुछ लोग गिर पड़े। भीड़ में भगदड़ मच गई — लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।
कई श्रद्धालु दम घुटने और दबने से मौके पर ही बेहोश हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़, कुछ लोगों ने गिरे हुए श्रद्धालुओं को उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
CM चंद्रबाबू नायडू बोले — “यह अत्यंत हृदयविदारक है”
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और ट्वीट किया, “काशीबुग्गा मंदिर हादसे में श्रद्धालुओं की मृत्यु अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। मैंने अधिकारियों को घायलों को तत्काल और उचित चिकित्सा देने के निर्देश दिए हैं।”
सीएम ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
“आस्था की भीड़ में कोई Crowd Management Plan नहीं मिला — सिर्फ़ श्रद्धा ही ओवरलोड थी।”
पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर
आंध्र प्रदेश CMO के मुताबिक़, हादसा एकादशी के कारण बढ़ी श्रद्धालु संख्या की वजह से हुआ। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राज्य के कृषि मंत्री के. अत्चन्नायडू मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की। मंदिर परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई अफवाह न फैले।

पिछले दिनों भी भीड़ प्रबंधन बना था बड़ा मुद्दा
कुछ दिन पहले तेलंगाना में एक्टर विजय की रैली में भी इसी तरह का अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला था। अब आंध्र प्रदेश की इस घटना ने फिर से सवाल खड़ा किया है — “आस्था बड़ी है या प्रशासन की तैयारी छोटी?”
भक्ति और भीड़ — सबक या सिस्टम की नींद?
भारत में हर साल धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं चिंता बढ़ाती हैं। प्रशासन कहता है “सीख लेंगे”, पर Crowd Control Manual हमेशा “pending file” में रहता है। भक्ति को व्यवस्था चाहिए, अफरा-तफरी नहीं।
वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में जो हुआ, वह सिर्फ़ एक हादसा नहीं — यह सिस्टम को आईना दिखाने वाली घटना है। कभी-कभी “Faith” इतनी गहरी होती है कि “Safety” को पीछे छोड़ देती है। और जब भीड़ नियोजन से बड़ी हो जाती है, तो अफरा-तफरी भगवान का नहीं, मानव लापरवाही का परिणाम बन जाती है।
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