अमेरिका कॉल पर मौजूद है – जैसे Zomato पर “Track Your Order”

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

जहाँ भारत संयम की मिसाल बना बैठा है, वहीं पाकिस्तान जनरल की चालों में उलझा है। ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों को फोन घुमा दिया – शांति की गुहार के साथ।

सुपरस्टार हर्ब जिसे अब विदेशी भी कहने लगे हैं – “Gimme Some Ashwagandha!”

सुबह-सुबह एस. जयशंकर का एक्स अकाउंट जागा और ऐलान कर दिया:

“भारत हमेशा संयमित और ज़िम्मेदार रहा है, और आगे भी रहेगा।”

मतलब सीधा: “हम ज़्यादा कुछ नहीं बोलेंगे, पर समझने वाले समझ जाएं!”

जयशंकर से अमेरिका की बातचीत – संयम की दवा!

विदेश मंत्री रुबियो ने भारत से कहा:
“सीधा संवाद करिए, ताकि गलतफहमियां न हों। हम अगर ज़रूरत पड़े तो बिचौलिया बन सकते हैं।”

जयशंकर जी बोले – “धन्यवाद, पर हमें फिलहाल WhatsApp Forward की ज़रूरत नहीं। हम खुद कॉल कर लेंगे!”

मुनीर से अमेरिका की बातचीत – ‘General’ समझाइश

वहीं पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से भी अमेरिका ने संवाद किया।

रुबियो ने जनरल साहब को बड़े प्यार से कहा:

“तनाव कम करो भैया, और बात करने बैठो – वरना फिर वही पुरानी कहानी…”

जनरल मुनीर ने शायद अंदर ही अंदर सोचा –
“बात करना है, पर पहले कबूलनामों से छुट्टी तो मिले!”

अमेरिका की ‘दोहरे रोल’ की आदत

अब यह पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने दोनों पक्षों को अलग-अलग समझाने की कोशिश की हो। एक तरफ भारत से दोस्ती, दूसरी तरफ पाकिस्तान से “सहानुभूति” – इसे ही कहते हैं सुपरपावर का डिप्लोमैटिक जिम्नास्टिक्स!

ऐसा लगता है अमेरिका भी अब “Kapil Sharma Show” की तरह हो गया है – हर हफ्ते एक नया गेस्ट, वही पुराना स्क्रिप्ट!

भारत का रुख – संयम वाला साइलेंसर

भारत ने साफ कहा है:

  • हम उत्तेजना में नहीं आते

  • हम बयान नहीं, काम करते हैं

  • हमें सलाह नहीं, सम्मान चाहिए

और अमेरिका को भी समझ आ गया होगा कि भारत अब 90s वाला ‘Chai-Pakoda Diplomacy’ नहीं करता।

अमेरिका बोले – “मैं हूं ना!”

तो कुल मिलाकर अमेरिका चाहता है कि:

  • भारत और पाकिस्तान बातचीत करें

  • तनाव न बढ़ाएं

  • और अगर ज़रूरत हो, तो अमेरिका कॉल पर मौजूद है – जैसे Zomato पर “Track Your Order” वाला बटन।

हर हरा झंडा इस्लाम का नहीं होता, और हर चाँद-तारा पाकिस्तान नहीं होता!

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