पहलगाम हमले के बाद भारत का बड़ा फैसला: पाकिस्तान को पानी की एक बूंद भी नहीं

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। भारत सरकार का स्पष्ट संदेश है — अब पाकिस्तान को सिंधु नदी का एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा

सिंधु जल संधि निलंबन पर अमित शाह के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक

शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवास पर हुई बैठक में संधि को लागू करने की रणनीति तैयार की गई। इसमें जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, सचिव देवश्री मुखर्जी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में चर्चा हुई कि पाकिस्तान जाने वाले पानी को भारत में कैसे रोका और संरक्षित किया जाएगा।

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सिंधु का पानी अब भारत में ही रहेगा

बैठक के प्रमुख बिंदु:

  • बांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी और गाद की सफाई की विस्तृत योजना बनेगी।

  • आधुनिक तकनीक से पानी स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत किया जाएगा।

  • निर्णय तीन चरणों में लागू किया जाएगा: इंस्टैंट, मिड टर्म, और लॉन्ग टर्म

पाकिस्तान को भारत ने भेजा पत्र

भारत की जल शक्ति सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल मंत्रालय को पत्र भेजकर संधि स्थगन की जानकारी दी। पत्र में बताया गया कि भारत ने यह फैसला:

  • सीमा पार आतंकवाद,

  • बढ़ती जनसंख्या,

  • स्वच्छ ऊर्जा जरूरतों,

  • और संधि के अनुच्छेदों के उल्लंघन के चलते लिया है।

भारत ने पाकिस्तान पर संधि के अनुच्छेद 12(3) का उल्लंघन करने और बातचीत से इनकार करने का आरोप लगाया है।

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क्या है सिंधु जल संधि?

1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में हुई इस संधि के तहत:

  • भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का जल उपयोग करने का अधिकार मिला।

  • पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) दी गईं।

अब भारत कह चुका है कि वो अपने जल अधिकारों का पूर्ण उपयोग करेगा और पाकिस्तान को पानी देना बंद करेगा।

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