
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को हवा दे दी है। इस हमले के बाद सिर्फ राजनीतिक हलकों में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर स्थिति और बिगड़ती है, तो अमेरिका किस देश के साथ खड़ा होगा – भारत या पाकिस्तान?
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भारत-अमेरिका संबंध: एक रणनीतिक साझेदारी
बीते कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों ने QUAD जैसे रणनीतिक मंचों पर साझेदारी की है, टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्र में समझौते किए हैं, और भारत को एक प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा भी मिला है। अमेरिका का झुकाव अब आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भारत की ओर ज्यादा दिखता है।
पाकिस्तान-अमेरिका संबंध: रिश्तों में ठंडापन
वहीं दूसरी ओर, अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के दौरान और कमजोर हुए, पाकिस्तान पर आतंकवाद को शह देने के आरोप अमेरिका भी लगा चुका है, और अब अमेरिका पाकिस्तान को ज्यादा सुरक्षा साझेदार नहीं, बल्कि चिंता का कारण मानता है।
लेकिन फिर भी पाकिस्तान पूरी तरह अकेला नहीं
पाकिस्तान की चीन से करीबी और अमेरिका से कभी-कभी “जरूरत के रिश्ते” अब भी बने रहते हैं। लेकिन हालिया अंतरराष्ट्रीय संकेतों को देखें, तो अमेरिका साफतौर पर भारत के साथ खड़ा दिखता है, खासकर जब बात आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की हो।
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अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता है, तो अमेरिका का रुख राजनीतिक रूप से संतुलित दिखेगा लेकिन रणनीतिक और नैतिक रूप से वह भारत के पक्ष में खड़ा होगा।
क्योंकि आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया अब तटस्थ नहीं रहना चाहती—और भारत आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति अपनाता आया है।