
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने लिखा, युद्धविराम अब शुरू हो गया है. कृपया इसका उल्लंघन न करें!”
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इसके बाद इसराइल सरकार ने औपचारिक रूप से पुष्टि की कि वह युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर रही है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि अगर इसका उल्लंघन हुआ, तो जवाब ज़रूर दिया जाएगा।
ईरान का रुख – “हमारी शर्तें पूरी हुईं तो रुक जाएगा हमला”
ट्रंप के बयान के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, अब तक कोई औपचारिक युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। लेकिन अगर इसराइल ईरानी समय के अनुसार सुबह 4 बजे तक हमले रोक देता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे।
इस बयान से यह तो साफ हो गया कि ईरान ने कोई संधि साइन नहीं की है, बल्कि सिर्फ़ सशर्त मौन विराम की बात की है।
मिसाइलों की बारिश से पहले ‘आख़िरी हमला’, जान-माल का नुक़सान
ईरानी मीडिया के मुताबिक, युद्धविराम लागू होने से ठीक पहले एक अंतिम मिसाइल हमला किया गया।
इसराइली एम्बुलेंस सेवा मैगन डेविड एडोम ने बताया
4 नागरिकों की मौत हुई
22 लोग घायल हुए, जिनमें कई की हालत गंभीर है
इस मिसाइल हमले में दक्षिणी इसराइल और मध्य क्षेत्र को निशाना बनाया गया था।
इसराइल की चेतावनी – उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
हालांकि इसराइल ने ट्रंप के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है, यदि युद्धविराम का उल्लंघन किया गया, तो हम पूरी ताकत से जवाब देंगे। इस बयान के बाद यह स्पष्ट है कि फिलहाल हालात बेहद नाज़ुक बने हुए हैं और ज़रा सी चूक फिर से हालात बिगाड़ सकती है।
अगला पड़ाव: सुबह 4 बजे क्या सच में थम जाएगा सब कुछ?
ईरान की तरफ़ से रखी गई सुबह 4 बजे की डेडलाइन अब सबसे अहम बन गई है। क्या इसराइल हमले रोकेगा? क्या ईरान जवाब नहीं देगा? या ये शांति सिर्फ एक अस्थायी पड़ाव है?
क्या ट्रंप ने वाकई रोक दी जंग?
डोनाल्ड ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट ने एक बड़ा कूटनीतिक असर जरूर डाला है।
इसराइल ने जहां युद्धविराम को स्वीकारा है, वहीं ईरान ने शर्तों के साथ नरमी दिखाई है। लेकिन जब तक दोनों पक्षों की ओर से औपचारिक सहमति नहीं होती, तब तक ये हालात किसी भी पल फिर से धमाके में बदल सकते हैं।
“किताब दी नहीं, फरसा पकड़ाया!” – प्रो.बोले, संघ की पाठशाला का असली पाठ