7 मिनट में तबाही! ईरान की सेजिल मिसाइल से कांपा इसराइल

अजमल शाह
अजमल शाह

ईरान की ‘सेजिल मिसाइल’ हाल के इसराइल-ईरान संघर्ष में अचानक सुर्खियों में आ गई है। यह एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है, जो ठोस ईंधन से चलती है और दो चरणों में लक्ष्य तक पहुंचती है। इसकी रेंज करीब 2000 किलोमीटर है, जिससे यह पूरे मिडिल ईस्ट और कुछ यूरोपीय हिस्सों तक असर कर सकती है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मुताबिक, यह मिसाइल दुश्मन के अहम रणनीतिक ठिकानों को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है।

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तकनीकी ताकत: सेजिल को घातक क्या बनाता है?

लंबाई: लगभग 18 मीटर

वॉरहेड क्षमता: करीब 700 किलोग्राम

लॉन्च वज़न: 23,600 किलोग्राम

ईंधन: ठोस प्रोपल्शन – यानी तुरंत लॉन्च के लिए तैयार

रेंज: 2000 किमी से अधिक (सेजिल-3 में 4000 किमी तक अनुमान)

ठोस ईंधन से लैस होने के कारण यह जल्दी लॉन्च हो सकती है, कम मेंटेनेंस मांगती है और दुश्मन को चौंकाने की क्षमता रखती है।

इसराइल की रक्षा कवच: डिफेंस टेक बनाम बैलिस्टिक अटैक

ईरान के हमले के जवाब में इसराइल ने दावा किया कि उनकी डिफेंस फोर्स (IDF) ने सेजिल मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लिया। इसराइल के पास एक बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली है:

Iron Dome: शॉर्ट रेंज रॉकेट और मोर्टार को रोकने के लिए

David’s Sling: मिड-रेंज मिसाइलों के लिए

Arrow 3 System: बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्शन के लिए डिज़ाइन किया गया

इस टक्कर में टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन है—कि किसकी तकनीक ज़्यादा सटीक और तेज़ है?

‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’: सेजिल का पहला युद्ध प्रयोग

19 जून 2025 को ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत इसराइल पर मिसाइलें दागीं, जिसमें पहली बार सेजिल मिसाइल का युद्धकालीन प्रयोग हुआ। यह जवाबी हमला इसराइल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के बाद आया, जिसमें तेहरान, नतांज़ और इस्फ़हान में ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

सीधा असर: बेर्शेबा अस्पताल भी चपेट में

ईरानी मिसाइलों की चपेट में इसराइल के बेर्शेबा शहर का सोरोका अस्पताल भी आया, जिसमें 71 लोग घायल हुए। ईरान का दावा था कि निशाना पास के सैन्य बेस पर था, लेकिन नुकसान आम नागरिकों को झेलना पड़ा। इसके बाद इसराइल ने अराक और नतांज़ के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर पलटवार किया।

सेजिल-3: क्या यह अगला सुपरमिसाइल बनेगा?

2009 में ईरान ने ‘सेजिल-2’ को टेस्ट किया था और अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि एक तीन-चरणीय सेजिल-3 भी अस्तित्व में है, जिसकी रेंज 4000 किमी और लॉन्च वेट 38,000 किलोग्राम तक हो सकता है। हालांकि इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं है, लेकिन रणनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि ईरान इसको जल्द सामने ला सकता है।

सवाल बड़ा है: क्या सेजिल IDF की परतों को भेद सकती है?

अब असली सवाल यही है—क्या सेजिल जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें इसराइल की हाईटेक डिफेंस सिस्टम को भेद सकती हैं? या इसराइल का मल्टी-लेयर डिफेंस नेटवर्क इतनी सटीकता से काम करता है कि दुनिया के सबसे घातक हथियार भी इसमें अटक जाएं?

मिसाइलों से नहीं, शांति से बनेगा भविष्य

ईरान और इसराइल के बीच यह संघर्ष अब तकनीक की जंग बन चुका है। लेकिन इस गहराते युद्ध में एक और चीज़ स्पष्ट हो रही है—दुनिया को शांति की सख़्त ज़रूरत है। मिसाइलें क्षणिक शक्ति देती हैं, लेकिन दीर्घकालिक समाधान डिप्लोमेसी और बातचीत से ही आते हैं।

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