Ansal API: प्रॉपर्टी के नाम पर झुनझुना, अब जांच टीम का डंडा!

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में अंसल API के खिलाफ दर्ज हो रहे मुकदमों का हाल ऐसा है जैसे पुलिस स्टेशन और कंपनी के बीच कोई मेंबरशिप डील हो गई हो। इस हफ्ते एक और मामला जुड़ गया – 5.62 लाख की ठगी की FIR!

पीड़ित कौन?
आलमबाग के संतोष कुमार, जिनकी दुकान का सपना अंसल वालों ने ऐसा सजाया कि उन्होंने 2011 में 9 लाख की बुकिंग कर दी। 2014 तक 5.62 लाख भी दे डाले, पर दुकान?
“कहीं और चल रही है भाई!”

सरकारी ज़मीन बेच डाली? अब मंडलायुक्त खुद देखेंगे ‘खेल’

सरकार ने मामला अब ‘बिल्डर से बड़ा’ मान लिया है। 9 सदस्यों वाली जांच समिति गठित कर दी गई है, जिसकी अध्यक्षता मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब करेंगी।

जांच टीम में शामिल हैं:

  • डीएम लखनऊ

  • एलडीए के उपाध्यक्ष

  • स्टाम्प विभाग के उप महानिरीक्षक

  • नगर आयुक्त

  • मुख्य अभियंता व नियोजकगण

यानि अब ‘प्रॉपर्टी प्लानिंग’ नहीं, ‘सच का प्लान’ चलेगा!

पुरानी कहानी, नया केस: ठगी का स्क्रिप्ट एक, कास्ट बदलती रहती है

संतोष कुमार का मामला तो बस एक है – शिकायतों की फेहरिस्त लंबी है। प्रत्येक हफ्ते करीब आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। लगता है कि अंसल API ने रियल एस्टेट को Reality Show बना दिया है – हर एपिसोड में नया ड्रामा।

शिकायतें किस किस्म की?

  • बुकिंग के बाद कब्ज़ा न मिलना

  • सरकारी ज़मीन को बेच देना

  • पैसे लेने के बाद टालमटोल

  • नक्शे और वादे में अंतर

सरकारी जमीन भी बेच डाली? अरे वाह!

शहीद पथ स्थित अंसल API की सुशांत गोल्फ सिटी हाइटेक टाउनशिप अब सरकार की नजर में है क्योंकि वहां सरकारी जमीन को “अपना” बताकर बेचने का भी आरोप है। जमीन बेचने का जोश ऐसा कि सरकारी की भी पहचान न रही!

अब शासन खुद पूछ रहा है:
“भाई ये ज़मीन तेरी है कैसे?”

अब क्या होगा आगे?

जांच समिति फिजिकल साइट विजिट कर सकती है। रजिस्ट्रियों की जांच की जाएगी। आवंटियों से फीडबैक लिया जाएगा। दोषियों पर एफआईआर से आगे की कार्रवाई तय हो सकती है

प्रॉपर्टी डील का सपना? जांच कमेटी का झटका!

Ansal API का मामला अब “रियल एस्टेट फ्रॉड” से बढ़कर “पब्लिक ट्रस्ट क्राइसिस” बनता जा रहा है। अब जब जांच समिति ने मोर्चा संभाल लिया है, तो उम्मीद है कि ठगी के इस “रियल्टी शो” का क्लाइमेक्स जल्द आएगा।

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