
रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध अब एक नए मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेटिकन को मध्यस्थ बनाकर इस युद्ध को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है, जिसे इटली ने भी सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।
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वेटिकन की मध्यस्थता की पहल
पिछले सप्ताह पोप लियो ने यह कहा था कि वेटिकन किसी भी समय दोनों देशों को वार्ता की मेज़ पर लाने के लिए तैयार है। ट्रंप ने इस कथन को आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव दिया कि वेटिकन, एक धार्मिक और तटस्थ शक्ति, युद्ध खत्म कराने की भूमिका निभा सकता है।
वेटिकन ने फिलहाल इसे एक “विकल्प और आशा” करार दिया है, लेकिन शांति की राह में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
इटली ने भी जताई सहमति
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के कार्यालय ने कहा है:
“इटली, यूक्रेन में संपर्क बनाने और शांति की दिशा में काम करने के लिए तैयार है. हम वेटिकन में बातचीत की मेजबानी की इच्छा को सकारात्मक रूप से देखते हैं।”
इस बयान के बाद यह साफ है कि ट्रंप की योजना को यूरोप में भी समर्थन मिलने लगा है।
तुर्की में वार्ता और रूस की नई मांगें
इसी बीच, तुर्की में रूस और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में रूस ने कई नई शर्तें रखीं। हालांकि वार्ता के नतीजे अब तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इन शर्तों के चलते शांति वार्ता और जटिल हो सकती है।
क्या वेटिकन बन सकता है ‘Game Changer’?
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नैतिक विश्वसनीयता: पोप की भूमिका को दुनिया भर में सम्मान की नजर से देखा जाता है।
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तटस्थता: वेटिकन किसी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
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मानवीय अपील: युद्ध से थके लोगों में वेटिकन की पहल भरोसे की तरह देखी जा रही है।
चुनौतियाँ अभी बाकी हैं
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रूस की बढ़ती मांगें
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यूक्रेन की सुरक्षा चिंताएं
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पश्चिमी देशों का राजनीतिक दबाव
ट्रंप का वेटिकन मध्यस्थता का सुझाव अभी केवल “उम्मीद” है, लेकिन अगर इसमें सहमति बनती है तो यह रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में सबसे अहम क़दम साबित हो सकता है। अब सबकी निगाहें पोप और वैश्विक नेताओं पर हैं — क्या वे इस मौके को भुना पाएंगे?
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