न्यूयॉर्क । फेडरल व्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफवीआई) के नए निदेशक काश पटेल ने व्यूरो पर विश्वास की पुनर्वहाली का संकल्प लिया। अमेरिकी सीनेट द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद पटेल देश की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी वन गए है।
यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी
रिपब्लिकन पार्टी के वहुमत वाली सीनेट ने वृहस्पतिवार को 44 वर्षीय पटेल के नाम पर मुहर लगा दी। सीनेट में हुए मतदान में पटेल ने मामूली अंतर से जीत हासिल की। सीनेट में 51-49 के अंतर से एफवीआई निदेशक के रूप में काश पटेल के नाम पर मुहर लगी। रिपव्लिकन पार्टी से मेन की सीनेटर सुसान कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की ने पटेल की उम्मीदवारी का हालांकि विरोध किया था।
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सीनेट ने पटेल की पुष्टि के लिए 51 से 49 मतों के अंतर से मतदान किया। दो रिपव्लिकन, सुसान कोलिन्स और लिसा मुर्कोव्स्की ने उनकी पुष्टि के खिलाफ मतदान किया । पटेल के नामांकन को कैपिटल हिल के डेमोक्रेट्स की ओर से गहन जांच का सामना करना पड़ा। उन्होंने चेतावनी दी कि पटेल इस पद का इस्तेमाल करने और ट्रंप के कथित राजनीतिक दुश्मनों के खिलाफ प्रतिशोध लेने के लिए तैयार है।