
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर नागरिकों को याद दिलाया कि लोकतंत्र केवल अधिकारों का ATM कार्ड नहीं है, बल्कि इसमें कर्तव्यों की EMI भी शामिल है। उन्होंने पत्र में कहा कि मतदान का अधिकार सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि लोकतंत्र को जिंदा रखने की जिम्मेदारी है।
युवाओं पर खास फोकस: ‘पहली बार वोट देने वालों को सम्मान मिलना चाहिए’
PM Modi ने स्कूलों और कॉलेजों को सुझाव दिया कि जो युवा 18 साल पूरे कर पहली बार वोटर बनते हैं, उन्हें ऑनर करना चाहिए — यानी लोकतंत्र में एंट्री पर एक छोटा सा ‘Welcome Ceremony’। (वैसे देश की पॉलिटिक्स देखकर कई युवा सोचते होंगे, “क्या हम वापस 17 के हो सकते हैं?”)
‘नीतियां आज बनती हैं, असर अगली पीढ़ियों पर पड़ता है’
PM Modi ने महात्मा गांधी के विचारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि अधिकार वहीं मिलते हैं जहाँ कर्तव्य निभाए जाते हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आज लिए गए निर्णय आगे आने वाली पीढ़ियों की लाइफ़ डिजाइन करेंगे — बिलकुल वैसे ही जैसे पुराने फैसलों ने आज की लाइफ़ डिजाइन की… (Good or bad? वह जनता बताए!)
‘हमारा संविधान मानव गरिमा और स्वतंत्रता का रक्षक’ — PM Modi
X पोस्ट में PM Modi ने कहा कि संविधान नागरिकों को अधिकार भी देता है और कर्तव्यों की याद भी दिलाता है। यानी एक हाथ में Right, दूसरे में Duty — और दोनों को बैलेंस करना ही असली लोकतांत्रिक योग है।

योगी और मायावती भी मैदान में: संविधान दिवस पर शुभकामनाओं की बौछार
UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X पर सभी को संविधान दिवस की बधाई दी और भारत के संविधान को एकता व समता का आधार बताया।
वहीं मायावती ने बाबा साहेब आंबेडकर को याद करते हुए सरकारों से अपील की कि वे संविधान के मूल उद्देश्यों — समानता, न्याय, मानवता — पर ईमानदारी से अमल करें।
देश के नेता संविधान की तारीफ करते हैं, लोग ‘अधिकार बनाम कर्तव्य’ पर बहस करते हैं। संविधान दिवस का असली संदेश है- Democracy works only when Citizens work.
धर्म ध्वजा: पीएम मोदी बोले—यह भारतीय सभ्यता के कायाकल्प का प्रतीक
