
भारत में न्यायपालिका का इतिहास 24 नवंबर को एक नया मोड़ लेने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के बाद देश के 53वें CJI के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। लेकिन इस बार कहानी में थोड़ा “International Masala” है।
क्योंकि इस बार CJI का शपथ ग्रहण सिर्फ एक constitutional formality नहीं—बल्कि एक तरह का mini global judicial summit बन रहा है!
6 देशों से आएंगे जज—CJI का शपथ ग्रहण बनेगा ग्लोबल इवेंट
बार & बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, इस समारोह में 6 देशों—भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका—से मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट जज और उनके परिवार शामिल होंगे। यह पहली बार है जब किसी भारतीय CJI के शपथ ग्रहण में
international judicial delegation मौजूद रहेगा।
लगता है इस बार न्यायपालिका ने तय कर लिया है— “Make Oath Ceremony Great Again!”
राष्ट्रपति भवन में होगा हाई-प्रोफाइल आयोजन
24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में होने वाला यह समारोह अब सिर्फ भारत के CJI की शपथ तक सीमित नहीं रहा। यह एक ऐसा मंच बन गया है, जहां भारत की न्यायपालिका अपनी global stature का प्रदर्शन करेगी। जिस शपथ ग्रहण में आमतौर पर constitutional dignitaries ही दिखते थे, वहां इस बार international robes और global legal vibes दिखाई देंगी।

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?
- हरियाणा से ताल्लुक
- पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज
- हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस
- सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी और संतुलित निर्णयों के लिए जाने जाते हैं
उनसे न्यायपालिका को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
भारत की न्यायपालिका का Soft Power Moment
भारत का CJI शपथ ग्रहण अब global attention में है। इसे एक तरह से भारतीय न्यायपालिका का soft power moment भी कहा जा सकता है— जहां कानून, न्याय और लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिष्ठा विश्व मंच पर और मजबूत होती है।
“फर्जी नंबर प्लेट वाला ‘फर्जी बाबा’… तिहाड़ से ही फिर गिरफ्तार!”
