
NDA की बम्पर जीत और रिकॉर्ड 10वीं बार शपथ… नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि वह बिहार राजनीति के evergreen player हैं। लेकिन अब असली चुनौती सत्ता नहीं— वायदों का पहाड़ है। मतलब— जीत तो ले ली, अब डिलीवरी करनी है!
नीतीश कुमार की सबसे बड़ी चुनौती: “वादे vs बिहार का बजट”
बिहार का आर्थिक बजट पहले ही पतला है, और वादे… मानो election manifesto नहीं, wish-list थी। एनडीए के वादे जिन पर अब नीतीश की परीक्षा होगी-
- डेढ़ करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये
- एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को सरकारी नौकरी–रोज़गार
- किसान सम्मान निधि को 9000 रुपये
- 50 लाख नए मकान
- 125 यूनिट मुफ्त बिजली
- चार शहरों में मेट्रो
- EBC वर्ग को 10 लाख सहायता
ये सब एक साथ पूरा करना… बिहार के बजट को देखकर ऐसा लगता है जैसे मोबाइल की बैटरी 5% हो और आप PUBG शुरू करने निकल पड़ें!
महाराष्ट्र की ‘लाडली बहन’ जैसी योजनाओं की तर्ज पर बिहार में भी थोड़ा computational जादू करना पड़ सकता है।
गठबंधन मैनेजमेंट: “BJP खुश भी रहे, कंट्रोल में भी रहे”
नीतीश कुमार दूसरी सबसे बड़ी पार्टी नहीं, सबसे बड़ी कुर्सी लेकर आए हैं। लेकिन BJP अब बिहार की नंबर 1 पार्टी है—ज्यादा सीटें, ज्यादा दबदबा, ज्यादा उम्मीदें।
अब नीतीश की जिम्मेदारी- BJP की political ambition पर ब्रेक न सही, साइलेंट मोड लगाना। गठबंधन balance perfect रखना, JD(U) की second line leadership तैयार करना (क्योंकि उम्र भी एक factor है, यह सभी मानते हैं)

सीक्वल जैसा माहौल है—“नीतीश जी स्टार हैं, पर प्रोड्यूसर BJP है”।
बिहार में बढ़ता क्राइम: “जंगलराज” का भूत फिर जाग रहा
चुनाव में BJP ने RJD के खिलाफ पुराने ‘जंगलराज’ का मुद्दा गरज-गरज कर उठाया। अब चुनौती नीतीश की है—मर्डर, लूट, बलात्कार जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। अगर कानून-व्यवस्था नहीं सुधरी, तो सुशासन बाबू की इमेज फिर dent खा सकती है।
ज़रूरी कदम:
- पुलिस रिफॉर्म
- फास्ट-ट्रैक कोर्ट
- गैंगस्टर्स पर लगातार करारी कार्रवाई
युवाओं और महिलाओं को खुश रखना—सबसे बड़ा पोलिटिकल इन्वेस्टमेंट
20 साल में बिहार का industrial growth कछुआ-गति से भी धीमा रहा। युवा रोज़गार की तलाश में दिल्ली, पंजाब, मुंबई जाना मजबूरी है।
नीतीश सरकार को ज़रूर करना होगा- प्राइवेट सेक्टर इन्वेस्टमेंट लाना। स्किल डेवलपमेंट बड़ा करना। रोजगार मेले तेज़। बिजली मुफ्त, मकान, महिलाओं के लिए स्कीमें—इनके लिए बड़ा बजट चाहिए। और इसके लिए केंद्र से Special Package लेना होगा—वही पुरानी मांग, नया दबाव।
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