
अमेरिका ने Iran के oil revenue पर चोट करते हुए एक लंबी लिस्ट निकाली—और इस बार टारगेट बने 17 देशों की कंपनियां, लोग और शिप्स। और हाँ… Surprise! इस लिस्ट में India की RN Ship Management Private Limited भी है।
मानो वाशिंगटन ने कहा हो — “दुनिया भर में जो भी तेल के ड्रम घुमा रहा है, सबको देख रहे हैं हम!”
RN Ship Management पर आरोप क्या?
Treasury Department का कहना है कि यह Indian firm ईरान के crude oil को transport करने में शामिल थी। मतलब, ईरान का तेल silently घूम रहा था… और अमेरिका की नज़र यह सब CCTV मोड में देख रही थी।
जो US ने किया:
कंपनी की सभी अमेरिकी संपत्तियाँ फ्रीज। US नागरिकों को इससे कोई लेनदेन करने की मनाही। और Message साफ: “ईरान के revenue को कम करो, उसके nuclear ambitions धीमे करो” सीधे शब्दों में—USA ने Iran को “बजट कटौती” कराने की कोशिश शुरू कर दी है।

अमेरिका का मकसद क्या?
US का मानना है कि Iran का Oil export धन ही उनके nuclear program को ताकत देता है। तो अमेरिका ने सोचा— “Program को नहीं रोक सकते तो पैसा ही रोक दो।” यह वही classic strategy है जिसे हथियारों से ज्यादा sanctions ताकतवर बनाते हैं।
भारत के लिए क्या तनाव है?
India आमतौर पर sanctions को लेकर संतुलन की पॉलिसी चलाता है— पर अब जब एक Indian shipping firm सीधे US की sanction-list में चली गई, तो diplomatic सफ़ाई देना पड़ेगा। ये मामला थोड़ा ऐसा है जैसे— “Class में सबसे शांत बच्चा भी अगर चोरी से पासिंग-नोट पकड़ा जाए, तो सब चौंक जाते हैं।”
“बिहार में फिर नीतीश! कैबिनेट में कौन हिट—कौन फिट? पूरी लिस्ट आउट!”
