“थरूर बोले: मोदी इलेक्शन मोड में नहीं… इमोशनल मोड में!

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मशहूर शब्द-शिल्पी शशि थरूर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रामनाथ गोयनका लेक्चर पर अपना खास अंदाज़ में रिएक्शन दिया—जैसे कोई प्रोफ़ेसर अपनी टिप्पणी ड्राफ्ट कर रहा हो और ट्विटर को ब्लैकबोर्ड मान लिया हो।

उन्होंने बताया कि वे खुद इंडियन एक्सप्रेस के निमंत्रण पर कार्यक्रम में मौजूद थे—मतलब रिएक्शन “पहले हाथ का अनुभव” वाला है।

“रचनात्मक बेचैनी” और “Colonial Mindset से मुक्त होने” पर थरूर impressed

थरूर ने कहा कि पीएम मोदी का भाषण आर्थिक दृष्टि + सांस्कृतिक अपील का एक कॉम्बिनेशन था। PM ने “रचनात्मक बेचैनी” की बात कही—यानी देश को आराम नहीं, लगातार hustle-mode में रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने देश को उपनिवेशवाद की मानसिकता से बाहर आने की बात पर ज़ोर दिया।
थरूर—जो खुद औपनिवेशिक इतिहास की फाइलें खोलने के लिए मशहूर हैं—इस हिस्से से visibly engaged थे।

“इलेक्शन मोड नहीं… इमोशनल मोड”—थरूर ने मोदी का Quote Highlight किया

थरूर ने लिखा कि पीएम मोदी ने खुद कहा कि लोग समझते हैं कि वह हमेशा “Election Mode” में रहते हैं, लेकिन असल में वह “Emotional Mode” में रहते हैं—ताकि लोगों की समस्याओं तक दिल से पहुंच सकें।

राजनीति का ये नया मोड तो टेक्नोलॉजी कंपनियाँ भी पेटेंट करवाने दौड़ पड़ें—“Launching Modi OS: Now in Emotional Mode.”

थरूर बोले—जुकाम और खांसी के बावजूद लेक्चर अटेंड किया

थरूर ने थोड़ा ‘थरूरी स्टाइल’ में लिखा कि तेज़ ज़ुकाम और खांसी के बावजूद वे लेक्चर सुनने पहुँचे। एक तरह से उनका कहना था—
“भाषण अच्छा था… और मेरी immunity भी strong!”

थरूर की Modi Appreciation कोई पहली बार नहीं

यह भी ध्यान देने की बात है कि यह उनकी पहली पॉजिटिव टिप्पणी नहीं है। इससे पहले भी वे प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे और उनकी डोनाल्ड ट्रंप से मुलाक़ात की तारीफ़ कर चुके हैं। यानी थरूर कभी-कभी सियासत की धूप में भी shade of praise डाल देते हैं।

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