अब तो खुश हो जाओ बाबूजी! आने वाला है 8वां वेतन आयोग का बोनस झोंका

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

मोदी सरकार ने औपचारिक रूप से 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी, जिससे करीब 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है।

जस्टिस रंजन संभालेंगे जिम्मेदारी

कैबिनेट के फैसले के बाद जारी प्रेस नोट के अनुसार, जस्टिस रंजन आयोग के चेयरमैन बनाए गए हैं।
वहीं IIM बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य बनाया गया है।
आयोग के पास अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपने के लिए 18 महीने का वक्त होगा।

2027 में सैलरी बढ़ेगी, लेकिन असर 2026 से

आयोग अपनी रिपोर्ट 2027 तक पेश करेगा, लेकिन NC-JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी मानी जाएंगी। मतलब अगर रिपोर्ट में देरी भी हुई तो कर्मचारियों को एरियर का गिफ्ट पैक मिलेगा।

“महंगाई ने जो छीना, आयोग वो लौटाएगा!”

देश में प्याज, पेट्रोल और EMI के बढ़ते रेट से परेशान कर्मचारी वर्ग के लिए यह खबर किसी ‘सैलरी संजीवनी’ से कम नहीं। अब बाबूजी ऑफिस में फाइलों पर मुस्कुराते हुए बोल पाएंगे — “साहब! काम का नहीं, आयोग का टाइम आ गया है।” 

18 महीने की तैयारी, फिर बढ़ेगी पगार की रफ्तार

आठवें वेतन आयोग को सरकार ने साफ टर्म ऑफ रेफरेंस के साथ हरी झंडी दी है। इसमें केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं की समीक्षा होगी। हर 10 साल में आयोग गठित करने की परंपरा के मुताबिक, 2026 से नया वेतन ढांचा लागू होगा — यानी आने वाले सालों में जेबें थोड़ी भारी और मुस्कानें थोड़ी चौड़ी।

सातवें आयोग से तुलना

साल 2016 में सातवें वेतन आयोग को लागू करने में थोड़ी देरी हुई थी, लेकिन तब भी कर्मचारियों को एरियर के साथ मोटा बोनस मिला था।
उम्मीद है, इस बार भी सरकार “देरी से सही, लेकिन दाम बढ़िया” वाला फॉर्मूला दोहराएगी।

सरकारी गलियारों में चर्चा

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, आठवां वेतन आयोग “आधुनिक आर्थिक परिदृश्य” को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यानी सिर्फ सैलरी नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल और इनफ्लेशन फैक्टर भी गिने जाएंगे।

कठुआ में धर्म, डंडा और ड्रामा — पुलिस खड़ी रही, जनता भिड़ गई

Related posts

Leave a Comment