
हरियाणा के बहादुरगढ़ से एक वीडियो सोशल मीडिया पर ऐसे उड़ा, जैसे ट्रैफिक सिग्नल पर कोई बुलेट बिना ब्रेक के।
वीडियो में एसीपी दिनेश कुमार जेसीबी से सब्ज़ी हटवाते दिखे — अब जनता ने कह दिया: “साहब, सड़क तो साफ कर दी, लेकिन इमेज गंदी हो गई!”
सब्ज़ी वालों की दुर्दशा, और साहब की दुर्दशा…
बहादुरगढ़ में सड़क किनारे बैठे सब्जीवाले क्या जानते थे कि आज उनके टमाटर और प्याज पर ‘सरकारी बुलडोज़र’ चलेगा। वीडियो में एक महिला सब्ज़ी समेट रही थी, और दूसरी तरफ एसीपी साहब बोले जा रहे थे — “सड़क सड़क होती है, सब्ज़ी मंडी नहीं!”
लेकिन सोशल मीडिया ने फैसला दे दिया — “दिल्ली में प्याज महंगा है, हरियाणा में इंसान!”
कौन हैं एसीपी दिनेश कुमार – रिंग से रोड तक
दिनेश कुमार वही हैं जिन्होंने बॉक्सिंग रिंग में मेडल जीते, पर अब जनता की नज़र में ‘वायरल पंच’ खा गए। खेल कोटे से भर्ती, दर्जनों मेडल वाले दिनेश अक्सर खुद ट्रैफिक जाम खोलते देखे जाते थे। लेकिन इस बार उन्होंने सब्ज़ी वालों का ‘जाम’ खोलने की गलती कर दी, और जनता ने उन्हें ‘टमाटर-रेटिंग’ दे डाली।
वीडियो वायरल हुआ तो कहानी बदल गई
वीडियो में दिखा कि जेसीबी मशीन सब्ज़ी की टोकरी पर चढ़ती जा रही है। लोग हाथों से सब्ज़ी समेट रहे हैं, और कैमरे के फ्रेम में एसीपी साहब का “सख्त लुक”… बस फिर क्या, इंटरनेट ने अपनी अदालत लगा दी।
डीजीपी की शायरी और जनता की राय
डीजीपी ओपी सिंह ने बड़ी खूबसूरत लाइन लिखी — “पुलिस का काम अजीब है — तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं।”
पर जनता बोली —

“सर, सब्ज़ी भी बचा लेते तो अच्छा रहता।”
जनता का असली फैसला
सोशल मीडिया की अदालत में फैसला साफ़ है:
“सड़कें साफ़ हुईं या नहीं, पर सिस्टम की इमेज ज़रूर गंदी हुई।”
अब बहादुरगढ़ में लोग कहते हैं — “प्याज सस्ती हुई तो क्या हुआ, एसीपी की पोस्टिंग महंगी पड़ गई।”
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