
छोटी दिवाली की रात, सरयू तट पर सिर्फ दीए नहीं जले… बयानबाज़ी के भी पटाखे फूटे। अयोध्या के ऐतिहासिक दीपोत्सव में जब 26 लाख दीए टिमटिमा रहे थे, तभी मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आवाज़ गूंज रही थी – “उन्होंने राम को मिथक कहा, हमने रामलला को मंदिर में विराजमान किया।”
जाहिर है, दीपावली का मौसम है, लेकिन राजनीति का मौसम ठंडा नहीं पड़ रहा।
“हर कण में राम, हर बयान में बवाल”
सीएम योगी ने अपने भाषण में भावनाओं का फुल ऑन हाई वोल्टेज कनेक्शन किया। बोले:
“अयोध्या सप्तपुरियों में प्रथम है। यहां की हर मिट्टी में मर्यादा है और हर ह्रदय में राम। लेकिन कुछ लोग थे जो राम को ही काल्पनिक बता बैठे।”
और फिर क्या… निशाने पर आई कांग्रेस और सपा। योगीजी ने स्मरण कराया कि कैसे “राम जन्मभूमि आंदोलन” के वक्त कांग्रेस ने हलफनामा दिया था कि भगवान राम एक मिथक हैं। वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ इशारा करते हुए बोले – “इन्होंने तो अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं।”
“पहले 15 हजार दीए, आज 1.5 करोड़!” – दीपों की विकास यात्रा
2017 की दीपावली याद करते हुए सीएम बोले:
“शुरुआत में 15,000 दीए मिल पाए थे। आज घाट पर 26 लाख, मंदिर-मठ मिलाकर 1.5 करोड़ से ज़्यादा जल रहे हैं।”
लगता है अयोध्या में दीयों की तरह टूरिज्म और भक्ति भी हाई-वोल्टेज हो गई है। कभी जहां 50,000 श्रद्धालुओं की भीड़ मुश्किल थी, अब 6 से 10 करोड़ तक दर्शनार्थी पहुंच रहे हैं।

“उन्होंने वकील भेजे थे, हमने भक्त भेजे हैं” – सीएम का तंज
सीएम योगी ने इशारों में ही सही, पर साफ कर दिया कि जब राम मंदिर निर्माण के रास्ते में “वकील” लगाए जा रहे थे, तब उनका इरादा “दीयों से रास्ता रोशन करने” का था।
“हमने दीप जलाए हैं, उन्होंने फाइलें चलाईं। हम रामलला के दर्शन कर रहे हैं, वो बाबर की कब्र पर प्रार्थना करते हैं।”
निमंत्रण रामलला का, इग्नोर करने वाले सेक्युलर बाबा लोग!
सीएम ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए यह भी कहा कि जब रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बुलावा दिया गया, तब कुछ “बड़े नेता” बुखार, विदेश यात्रा या व्यस्तता का बहाना बना बैठे।
“जिन्होंने राम को मिथक कहा था, वो आज मंदिर की रौशनी में खुद अदृश्य हो गए।”
राम मंदिर से रामलीला तक, सब में सियासत!
जिस अयोध्या में कभी “गोलियां चली थीं”, आज वहां 1.5 करोड़ दीप जल रहे हैं – ये तुलना सिर्फ पूजा नहीं, पॉलिटिकल पोजिशनिंग भी है। दीपावली पर जहां लोग मिठाइयों का आदान-प्रदान कर रहे हैं, वहीं राजनीति में पुराने कटाक्षों की रिटर्न गिफ्ट मिल रही है।
दीपावली है, लेकिन सियासी लाइट्स कभी ऑफ नहीं होतीं!
इस दीपोत्सव पर एक बात तो साफ हो गई – अयोध्या सिर्फ भक्ति का नहीं, राजनीति का भी सेंटर बन चुकी है। और सीएम योगी ने इस मंच को सिर्फ दीयों से नहीं, बयानों से भी रोशन किया।
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