मोदी सरकार में किसानों की स्थिति में बदलाव: कृषि सुधारों की पूरी कहानी

2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से किसानों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन देने के तमाम वादे किए गए। लेकिन क्या सिर्फ योजनाएं ही काफी हैं या ज़मीनी बदलाव भी आया है? यह लेख सिर्फ आंकड़ों की गिनती नहीं, बल्कि उन प्रयासों की कहानी है जो एक किसान की आँखों में भरोसे की रौशनी लाने की कोशिश करते हैं। स्टूडेंट्स की ऑनलाइन हाजिरी और दास्तानों का तड़का! 1. पीएम-किसान योजना: सीधे बैंक में भरोसे की फसल 2019 में शुरू हुई PM-KISAN योजना के तहत हर पात्र…

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स्टूडेंट्स की ऑनलाइन हाजिरी और दास्तानों का तड़का!

आजकल ख़बरें बस सूचना नहीं रहीं — वो किरदार बन चुकी हैं। कहीं स्कूल की हाजिरी ऑनलाइन हो रही है; कहीं रिंकल सिंह न्याय की मशाल लिए बैठी हैं तो कहीं दुल्हन तलवार (या चाकू) लेकर सुहागरात का नया पाठ पढ़ा रही है। ये खबरें सिर्फ घटनाएं नहीं हैं, ये समाज के एक्स-रे हैं — जिसमें राजनीति की हड्डियाँ, प्रशासन की नसें, और आम लोगों की धड़कनें साफ दिखाई देती हैं। जयराम रमेश का दावा: 11 साल से अघोषित आपातकाल। BJP का पलटवार आइए, इन सारी खबरों की नब्ज़ को…

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जयराम रमेश का दावा: 11 साल से अघोषित आपातकाल। BJP का पलटवार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पिछले 11 सालों से देश में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल बना हुआ है।उनके अनुसार, संविधान पर लगातार हमला हो रहा है, मीडिया को नियंत्रित किया जा रहा है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है – यह सब किसी ‘नाममात्र की आपातकाल’ से कम नहीं। ईरान-इज़राइल युद्ध में इंसानियत हारी। पढ़िए एक भावनात्मक रिपोर्ट “चार सौ पार” का ड्रामा: संविधान बदलने की साजिश? जयराम ने आरोप लगाया कि 2024 के चुनाव में पीएम मोदी ने ‘चार सौ पार’ का जनादेश…

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ईरान-इज़राइल युद्ध में इंसानियत हारी। पढ़िए एक भावनात्मक रिपोर्ट

कभी वह ख़बरों में था, कभी खुफ़िया रिपोर्टों में, और फिर एक दिन हकीकत बन गया — ईरान और इज़राइल के बीच जंग, वो भी उस वक्त जब दुनिया पहले ही नफरत और बारूद से थकी हुई थी। इस युद्ध में केवल मिसाइलें नहीं दागी गईं, माँओं की ममता, बच्चों के सपने, और इंसानियत की उम्मीदें भी चिथड़े-चिथड़े हो गईं। जहाँ एक पक्ष इसे “आत्म-सम्मान की रक्षा” कह रहा था, वहीं दूसरा “रक्षा का जवाब”। डार्लिंग, धर्म कोई स्टार्टअप नहीं है! पहले ग्रंथ पढ़ो, फिर प्रवचन दो लेकिन सच्चाई यह थी कि…

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डार्लिंग, धर्म कोई स्टार्टअप नहीं है! पहले ग्रंथ पढ़ो, फिर प्रवचन दो

आजकल धर्म इतना “ट्रेंडिंग” हो गया है कि कुछ लोग इसे स्पिरिचुअल स्टार्टअप बना बैठे हैं। सोशल मीडिया पर दो श्लोक, तीन कहानी और चार चुटकुलों के साथ “धर्मगुरु” बनना जैसे कोई कोर्स हो गया हो। पर, डार्लिंग… धर्म कोई स्क्रिप्टेड शो नहीं है! बल्ले-बल्ले! MSP पर मूंग-उड़द की खरीद का ऐलान धर्मग्रंथ पढ़ो, फिर प्रवचन दो उपदेश देना जितना आसान है, धर्मग्रंथों को सही से पढ़ना उतना ही गंभीर और आवश्यक कार्य है। हर श्लोक का मतलब होता है संदर्भ सहित। लेकिन “क्लिप-बेस्ड आध्यात्म” का दौर चल पड़ा है –…

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बल्ले-बल्ले! MSP पर मूंग-उड़द की खरीद का ऐलान

इस बार सरकार ने किसानों को ऐसी सौगात दी है कि मंडियों में बिचौलियों के चेहरों से हंसी गायब हो गई होगी। केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश से मूंग और उड़द और उत्तर प्रदेश से उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद को हरी झंडी दिखा दी है। राजा रघुवंशी हत्या मामला- लोकेंद्र तोमर को ट्रांजिट रिमांड अब किसानों को अपनी मेहनत की उपज औने-पौने दाम पर बेचने की मजबूरी नहीं होगी। शिवराज सिंह चौहान, जो अब केंद्रीय कृषि मंत्री की कुर्सी पर हैं (और मूंग से ज्यादा गर्म राजनीति…

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राजा रघुवंशी हत्या मामला- लोकेंद्र तोमर को ट्रांजिट रिमांड

इंदौर के चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या ने जैसे क्राइम थ्रिलर फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है। अब इस केस में नया मोड़ आया है – फ्लैट मालिक लोकेंद्र तोमर को शिलांग एसआईटी ने ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया है। भक्त खुश, दलाल पस्त! दिल्ली में कांवड़ के नाम पर ‘घोटाला लीला’ खत्म! लोकेंद्र, जो शांति से इंदौर में अपना फ्लैट किराए पर देकर चैन की बंसी बजा रहा था, अब शिलांग पुलिस की गाड़ी में बैठकर जिंदगी का थ्रिलर फेस कर रहा है। ग्वालियर से गिरफ्तारी,…

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IND vs ENG: टीम इंडिया की हार के 5 तड़केदार कारण

पता नहीं टीम इंडिया इंग्लैंड खेलने गई थी या हनीमून मनाने। लीड्स में पहली ही “डेट” पर 5 विकेट से हार का तोहफा देकर लौटी है। मेज़बान इंग्लैंड ने टेस्ट सीरीज़ में 1-0 की बढ़त ले ली है और भारत को सोचने का भरपूर टाइम दे दिया है – क्यूंकि दूसरा टेस्ट है 2 जुलाई से। आइए, करें हार की पांच तड़केदार वजहों का पोस्टमॉर्टम। ‘इमरजेंसी’ याद है, क्योंकि ये ‘डिलीट’ नहीं, ‘सेव’ हो चुकी है! 1. पुछल्ले बल्लेबाज या साइलेंट मोड वाले स्टैच्यू? शीर्ष 5 बल्लेबाजों ने मिलकर 721…

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‘इमरजेंसी’ याद है, क्योंकि ये ‘डिलीट’ नहीं, ‘सेव’ हो चुकी है!

25 जून 1975 की रात को देश का रिमोट कंट्रोल दिल्ली से डायरेक्ट ‘आपातकाल’ मोड पर डाल दिया गया। इंदिरा गांधी, जिन्हें पहले जनता ने “लौह महिला” कहा था, उसी रात संविधान को भी लोहा मान लिया। Emergency Anniversary: पीएम बोले – लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था हाई कोर्ट ने कर दिया ‘नो बॉल’, इंदिरा ने खेल ही बदल दिया इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव में गड़बड़ी का दोषी ठहराया। मामला फिक्स नहीं था, पर फैसला फिक्स लगने लगा। कोर्ट ने जैसे ही कहा “Invalid”,…

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Emergency Anniversary: पीएम बोले – लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था

25 जून 1975 की रात भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक ऐसा मोड़ लाया, जिसे ‘काला अध्याय’ कहा जाता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल घोषित किया। यह दौर 21 मार्च 1977 तक चला। शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में डेब्यू- 1984 के बाद पहली बार पीएम मोदी का हमला – “लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस दिन को याद करते हुए कहा, “यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे…

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