
जी-7 सम्मेलन से लौटते हुए, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस से बातचीत में एक ऐसा बयान दे दिया जो सिर्फ़ डिप्लोमैटिक नहीं, बल्कि हॉलीवुड टच लिए हुए था। जब उनसे ईरान-इसराइल संघर्ष में सीज़फ़ायर पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा:
“हम सीज़फ़ायर की बात नहीं कर रहे… हम उससे बेहतर की तलाश में हैं… एक असली अंत चाहिए!”
अब ये ‘असली अंत’ ट्रंप साहब का डिप्लोमैटिक टर्म है या कोई नेटफ्लिक्स सीरीज़ का नाम – ये तय करना थोड़ा मुश्किल है।
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परमाणु पर ट्रंप की चेकमेट चाल
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या अमेरिका इसराइल के लिए और कुछ कर सकता है, तो ट्रंप ने जवाब दिया:
“हम अभी बहुत अच्छा कर रहे हैं, और याद रखिए — ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता.”
यानि डील नहीं तो डंडा, ट्रंप की नीति बिल्कुल स्पष्ट।
भारतीय छात्र निकाले गए, दूतावास की चौकसी
भारत सरकार भी सतर्क दिखी। ईरान की राजधानी तेहरान में बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। एक आधिकारिक बयान में बताया गया:
भारतीय दूतावास ने तेहरान में रह रहे छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
अन्य नागरिकों को स्वंय यात्रा कर बाहर निकलने की सलाह दी गई।
कुछ नागरिकों को ईरान-आर्मीनिया सीमा से सुरक्षित निकासी कराई गई।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दूतावास सभी नागरिकों के लगातार संपर्क में है।
हमला और प्रतिक्रिया: कहां शुरू हुआ बवाल?
13 जून को इसराइल ने ईरान के ‘परमाणु कार्यक्रम’ से जुड़े ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच लगातार पांच दिनों से संघर्ष जारी है। और ट्रंप के मुताबिक, ये ‘The End’ तक ही जाएगा।
ट्रंप का बयान जितना राजनीतिक था, उतना ही सिनेमा जैसा भी। जहां एक ओर युद्ध का माहौल गंभीर है, वहीं उनके बयान में हॉलीवुड स्क्रिप्ट की गंध ज़रूर आती है। इस सब के बीच भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर जो फ़ुर्ती दिखाई है, वो काबिले तारीफ़ है।
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