
केन हेइमन, जो एक मास्टर चीज़मेकर हैं, अब ज़्यादा वक्त चीज़ के स्वाद पर नहीं, बल्कि व्हे के रेट चेक करने में बिता रहे हैं। और क्यों न करें? जब 40 पाउंड चेडर ब्लॉक बेचने पर कमाई घट रही हो और उसी के साइड प्रोडक्ट मट्ठा से मुनाफ़ा दोगुना हो जाए — तब चीज़ तो सिर्फ़ रेसिपी का बहाना लगता है।
मिया! हम लखनऊ वाले हैं, चिकन खाते भी हैं और पहनते भी हैं, मिलो फुर्सत में
“थैंक यू एल्डी शॉपर्स! आप व्हे खरीदते हैं, हम फायदा उठाते हैं!” — केन हेइमन, CEO, नैसोनविले डेयरी
नदी में बहता था मट्ठा, आज बिक रहा है किलो के हज़ार
1960 के दशक में जब हेइमन ने करियर शुरू किया, मट्ठा literally नदी में बहा दिया जाता था। आज वही व्हे एक किलो पाउडर बनकर $10 तक बिक रहा है।
व्हे प्रोटीन मार्केट जल्द ही 10 अरब डॉलर पार करेगा। एक वक्त था जब किसान इसे सूअरों को खिलाते थे।
व्हे क्यों बना सुपरस्टार?
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लो कैलोरी + हाई प्रोटीन = जिम रैट्स का ड्रीम डाइट
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कीटो, लो-कार्ब और ओज़ेम्पिक जैसी दवाओं ने डिमांड को रॉकेट पर बैठा दिया
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महिलाएं, वेट वॉचर्स और जेन Z — सब प्रोटीन-प्रेमी हो चुके हैं
गायों से जिम तक: मीस्नर फार्म की कहानी
नॉर्म-ए-लेन फार्म में रोज़ 15 बछड़े पैदा होते हैं और 2,500 गायें दूध देती हैं। वो दूध नैसोनविले डेयरी जाता है, जहाँ पनीर के साथ-साथ 1 लाख पाउंड मट्ठा भी बनता है।
मीस्नर फैमिली को दूध का मूल्य तय करने की छूट नहीं। वे “प्राइस-टेकर” हैं, न कि “प्राइस-मेकर”।
व्हे के कारण नहीं हुआ डेयरी किसानों का दही
डेयरी बिजनेस में मुनाफ़ा मुश्किल से आता है। लेकिन मट्ठा के कारण किसानों के चेक में आजकल मिठास ज़रूर आई है।
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2000s: मट्ठा दूध चेक का 2.7%
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2021+: 8.7% तक हिस्सेदारी
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कभी-कभी 10% भी पार
स्प्रे ड्रायर नहीं, तो Nutraceutical कंपनियाँ तैयार
नैसोनविले में अब तक मट्ठे को तरल रूप में ही प्रोसेस किया जाता है। लेकिन Actus Nutrition जैसी कंपनियाँ व्हे को पाउडर में बदल रही हैं — क्योंकि छोटा पनीर निर्माता इतना इन्वेस्ट नहीं कर सकता।
मई 2023 में, 48 मिलियन पाउंड व्हे प्रोटीन पाउडर बना।
मतलब – सभी जिम के प्रोटीन शेक कहीं न कहीं गाय से ही निकले हैं!
अब आगे क्या?
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एम्मेट मीस्नर ने एंगस बीफ़ का दांव खेला है
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मट्ठे की चमक के साथ, स्वाद और स्पेशलिटी को बनाए रखना भी जरूरी है
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व्हे बना आज का सुपरफ़ूड, लेकिन कब तक रहेगा ये बुलबुला?
पनीर अब डेयरी का excuse बन चुका है, असली गेम तो व्हे में है। लेकिन जैसे दूध, मक्खन, और चेडर अपने समय के ट्रेंड बने — क्या व्हे भी टिक पाएगा या ये ट्रेंड भी, ब्लेंड हो जाएगा?
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