
उत्तर भारत के कई हिस्सों में आई तेज आंधी, भारी बारिश और ओलावृष्टि ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। यूपी, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में पेड़ गिरने, बिजली गिरने और घरों की छत उड़ने जैसी घटनाएं सामने आईं। लेकिन सवाल ये है — आखिर ऐसा मौसम अचानक क्यों आता है? जवाब है – पश्चिमी विक्षोभ।
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पश्चिमी विक्षोभ क्या होता है?
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक मौसम प्रणाली है जो भूमध्यसागर से चलती हुई ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए उत्तर भारत तक पहुंचती है। यह आमतौर पर सर्दियों और शुरुआती गर्मियों में भारत में बारिश और तूफान लाने का मुख्य कारण बनती है।
कैसे करता है तबाही?
जब यह विक्षोभ भारत की तरफ बढ़ता है, तो यह ऊपरी हवा में नमी लेकर आता है। जैसे ही यह पर्वतीय इलाकों (जैसे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल) से टकराता है, तो यह बारिश, बर्फबारी और तेज हवाएं लेकर आता है।
यदि मौसम पहले से गर्म और सूखा हो, तो पश्चिमी विक्षोभ के आने से गर्म सतह और ठंडी हवा के टकराव से आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की स्थिति बन जाती है — जैसा कि मई 2025 में देखा गया।
क्या हुआ हाल में?
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उत्तर प्रदेश: 14 से अधिक लोगों की मौत तेज आंधी और बिजली गिरने से।
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दिल्ली: सड़कों पर पेड़ गिरने से ट्रैफिक जाम, मेट्रो सेवाएं बाधित।
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राजस्थान: कई इलाकों में अचानक बर्फीली हवाएं और तेज बारिश।
मौसम विभाग (IMD) ने साफ़ चेतावनी दी थी कि यह सब पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है। उत्तर भारत के 47 से अधिक जिलों में अलर्ट जारी किया गया।
वैज्ञानिकों की राय
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से अब पश्चिमी विक्षोभ और अधिक तीव्र हो रहे हैं और अप्रत्याशित समय पर भी असर दिखा रहे हैं। यही कारण है कि पहले जहां यह ठंड में सीमित रहता था, अब गर्मियों में भी तबाही मचाने लगा है।
क्या करें सतर्क रहने के लिए?
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मौसम विभाग की वेबसाइट या मोबाइल ऐप्स से अलर्ट लेते रहें।
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तेज आंधी या बारिश के समय घर से बाहर न निकलें।
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बिजली के खंभों, पेड़ों और पुराने ढांचों से दूर रहें।
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मोबाइल नेटवर्क डाउन होने पर टॉर्च और पॉवरबैंक साथ रखें।
पश्चिमी विक्षोभ कोई आम मौसमी बदलाव नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली प्राकृतिक घटना है जो उत्तर भारत के बड़े हिस्से में तबाही मचा सकती है। अब समय है कि हम मौसम विज्ञान की चेतावनियों को गंभीरता से लें और हर अलर्ट के पीछे के विज्ञान को समझें।
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