
“चुल्ल” एक हास्य और व्यंग्य से भरा देसी स्लैंग है, जो दर्शाता है कि किसी को किसी चीज़ के लिए बेहद बेसब्री, अति-उत्साह या बिना वजह का तड़प हो रहा है। सरल परिभाषा: जब किसी को ज़रूरत से ज़्यादा कुछ करने की तलब हो — चाहे वो ज़रूरी हो या नहीं — उसे कहते हैं चुल्ल मच गई है।
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चुल्ल के प्रकार: हर वर्ग, हर रिश्ते में मौजूद!
| प्रकार | उदाहरण | असर |
|---|---|---|
| ज्ञान चुल्ल | हर मुद्दे पर बोलेगा, भले न पता हो | चर्चा से ब्लॉक लिस्ट में |
| प्यार वाली चुल्ल | हर हफ्ते नई मोहब्बत | दिल + बैलेंस दोनों खाली |
| पोस्टिंग चुल्ल | हर खाने की फोटो Insta पर | लाइक्स नहीं तो बेचैनी |
| रिल्स चुल्ल | सड़क पर डांस, बस में ट्रेंड | क्रिंज लेवल मैक्स |
| राजनीति चुल्ल | हर मुद्दे पर बयान | जनता बोले – अगला प्लीज़ |
लोगों को चुल्ल क्यों होती है?
अटेंशन चाहिए
FOMO (Fear of Missing Out)
ज़्यादा ऊर्जा, कम मार्गदर्शन
सोशल मीडिया का दबाव
और कभी-कभी बस आदत!

चुल्ल का इलाज है?
“चुल्ल” अगर कूल अंदाज़ में हो तो काफी एंटरटेनिंग हो सकती है, लेकिन अगर ये हर जगह टांग अड़ाने वाली बन जाए तो…
1 ग्लास ठंडा पानी + 2 मिनट मौन + थोड़ी सेल्फ-अवेयरनेस = चुल्ल कंट्रोल
चुल्ल हरेक में होती है, फर्क बस मात्रा का है!
हर इंसान में थोड़ी बहुत “चुल्ल” होती है — किसी को बोलने की, किसी को दिखाने की, और किसी को बिना वजह भागने की।
लेकिन जब चुल्ल ज़्यादा हो जाए — तो लोग कहने लगते हैं:
“भाई, आराम कर… तेरी चुल्ल हाई वोल्टेज हो गई है!”
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